हमारा इतिहास बताता है कि हम जब -जब
बंटे थे, तब -तब बुरी तरह कटे थे
एक बार फिर हम बंटने के कारण
ही खतरे में हैं।
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सुरेंद्र किशोर
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(1.)--712 ईस्वी में मुहम्मद बिन कासिम ने सिंध के ब्राह्मण राजा दाहिर सेन पर आक्रमण किया।
कासिम ने धन और पद का लोभ देकर दाहिर के पुजारियों तथा कुछ अन्य को मिला लिया था।नतीजतन दाहिर हार गया।
कासिम ने दाहिर को हराने के बाद उन पुजारियों तथा अन्य को भी मार डाला था जिन्होंने उसका साथ दिया था।क्योंकि उनके लिए तो सब काफिर ही थे !!!
यानी,देखिए कैसे जब हम बंटे तो किस तरह बुरी तरह कटे।
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(2)--1192 में मुहम्मद गोरी ने पृथ्वीराज चैहान को हराया।
उससे पहले के युद्ध में चैहान ने गोरी को हरा कर भगा दिया था।क्योंकि तब जयचंद ने चैहान का साथ दिया था।
इस बीच चैहान ने जयचंद की पुत्री संयोगिता का अपहरण कर उससे शादी कर ली।
इससे नाराज होकर जयचंद ने 1192 के युद्ध में चैहान का साथ नहीं दिया।नतीजतन चैहान हारा और मारा गया।
पर,गोरी ने लोगों ने बाद में जयचंद को भी मार डाला।गोरी के लोगों ने संयोगिता के साथ कैसा सलूक किया,उसे यहां लिखा नहीं जा सकता।
देखिए किस तरह हम बंटे तो कटे।
(इस कहानी का सबक यह है कि आज के भारत के आधुनिक ‘‘जयचंद’’ वोट के लिए जेहादियों का साथ दे रहे हैं,उनका भी हश्र जयचंद और सिंध के पुरोहितों का ही हो सकता है।)
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(3.)--अब आइए किस तरह हमारे आपस में बंट जाने के कारण भारत में ब्रिटिश साम्राज्य कायम हुआ।
एक ब्रिटिश इतिहासकार से ही वह कहानी जान लीजिए।
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उदारवादी ब्रिटिश इतिहासकार सर जे.आर. सिली
ने लिखा है कि ‘‘भारत को हमने नहीं जीता, बल्कि खुद भारतीयों ने भारत को जीत कर हमारे प्लेट पर रख दिया।’’
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अपनी मशहूर किताब ‘द एक्सपेंसन आॅफ इंगलैंड’ के लेखक सिली की स्थापना थी कि
‘‘हमने (यानी अंग्रेजों ने) नहीं जीता,बल्कि खुद भारतीयों ने ही भारत को जीत कर हमारे प्लेट पर रख दिया।’’
चैधरी चरण सिंह ने सर जे.आर.सिली की पुस्तक का हिन्दी में अनुवाद करवाकर बंटवाया था।
चरण सिंह ने एक तरह से हमें चेताया था कि यदि इस देश में गद्दार मजबूत होंगे तो देश नहीं बचेगा।
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(4.)--भारत एक बार फिर बुरी तरह बंटा नजर आ रहा है।
आज भी चुनाव जीत कर इस देश को लूटने वाले राजनीतिक दल मुस्लिम जेहादियों की मदद कर इस देश की एकता-अखंडता को भारी खतरे में डाल रहे हैं।
उसके लक्षण और सबूत निम्नलिखित हैं।
प्रतिबंधित जेहादी संगठन पाॅपुलर फ्रंट आॅफ इंडिया ने खुलेआम यह घोषणा की है कि हम हथियारों के बल पर सन 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बना देंगे।
इसके लिए उसने बड़े पैमाने पर हथियार जुटाने शुरू किये हैं।
उसके हजारों ‘‘ सिपाही ’’ तैयार हैं।पाॅपुलर फं्रट के राजनीतिक संगठन एस.डी.पी.आई. से सन 2018 के कर्नाटका विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने तालमेल किया था।एस.डी.पी.आई.ने कांग्रेस के लिए 25 सीटें तब छोड़ दी थीं।
खबर है कि वायनाड लोक सभा उप चुनाव में पी.एफ.आई. कांग्रेस उम्मीदवार की मदद कर रहा है।पी.एफ.आई.ही इन दिनों केरल,कर्नाटका तथा अन्य कई राज्यों में अधिकतर मुस्लिम वोट को कंट्रोल करता है।
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कांग्रेस ने भी पी.एफ.आई.के पूर्व संगठन सिमी का भी साथ दिया था।
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पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अन्सारी ने एक बार कहा था कि वह सेक्युलरिज्म मौजूदा (मोदी)सरकार के शब्दकोश में नहीं है जो 2014 से पहले की केंद्र सरकार के शब्दकोश में था।
(याद आया तब के प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि इस देश के संसाधनों पर पहला हक अल्पसंख्यकों खास कर मुसलमानों का है ? )
क्या हामिद अंसारी और कांग्रेस का सेक्युलरिज्म,पी.एफ.आई.के सेक्युलरिज्म से मेल खाता है ?
यदि ऐसा नहीं है तो हामिद अंसारी पी.एफ.आई.की महिला शाखा के समारोह में शामिल होने के लिए 23 सितंबर, 2017 में कोझीकोड क्यों गए थे ?(याद रहे कि पी.एफ.आई.ने कहा है कि भारत के 10 प्रतिशत मुसलमान भी हमारा साथ दे दें तो हम भारत में इस्लामिक शासन जल्द ही कायम कर देंगे।यानी 10 प्रतिशत भी उसका साथ युद्ध लड़ने के लिए नहीं दे रहे हैं। हां, वैसे 92 प्रतिशत मुसलमानों ने 2024 के लोस चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा-कांग्रेस का साथ वोट देने में जरूर दिया था।ऐसा बाहरी संकेत पर हुआ था।)
केरल सरकार की पुलिस ने 24 दिसंबर, 2012 को वहां के हाईकोर्ट से कहा कि सिमी का ही नया रूप पाॅपुलर फं्रट आॅफ इंडिया है।
केरल पुलिस के डी.जी.पी.ने सी.पी.एम. मुख्य मंत्री से सिफारिश की थी कि वह पी.एफ.आई.पर प्रतिबंध लगाएं।
पर मुख्य मंत्री ने कहा कि हम उससे राजनीतिक रूप से लड़ंेगे,प्रतिबंध नहीं लगाएंगे।प्रतिबंध बाद में मोदी सरकार ने लगाया।
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जेहादी छात्र संगठन सिमी के बारे में जानिए।
उस संगठन के अहमदाबाद जोन के सेके्रट्री साजिद मंसूरी ने सन 2001 में मीडिया से बातचीत में कहा था कि
‘‘जब हम भारत में सत्ता में आएंगे तो सभी मंदिरों को नष्ट कर देंगे और वहां मस्जिद बना देंगे।’’
सिमी के एक दूसरे नेता ने मीडिया से कहा था कि लोकतांत्रिक तरीके से भारत में इस्लामिक शासन संभव नहीं है।इसलिए हमारा एकमात्र रास्ता जेहाद है।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार सन 2001 में सिमी पर प्रतिबंध लगा दिया था।
बाद की मनमोहन सरकार ने भी उस पर प्रतिबंध जारी रखा।क्योंकि खुफिया रपट ही वैसी थी।
प्रतिबंध के खिलाफ कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद सुप्रीम कोर्ट में सिमी के वकील थे।खुर्शीद उस समय यू.पी.कांग्रेस के अध्यक्ष थे।
इस देश के अधिकतर तथाकथित ‘सेक्युलर’ दलों ने समय -समय पर सार्वजनिक रूप से सिमी का बचाव किया।
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वैसे तो हमारे बंटने के अनेक ताजा उदाहरण मौजूद हैं।पर,कुछ नमूने यहां पेश हैं।
बांग्ला देश में लगातार हिन्दू संहार-उत्पीड़न हो रहा है।पर भारत का कोई भी तथाकथित सेक्युलर दल उसकी निन्दा नहीं कर रहा है।क्योंकि उन्हें डर है कि निन्दा करने से भारत के अधिकतर मुस्लिम मतदाता उनसे नाराज हो जाएंगे।
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कनाडा में भी हिन्दुओं को मारा जा रहा है।उस पर भी भारत में ‘‘धर्म निरपेक्ष चुप्पी’’ है।ं
इतना ही नहीं, सन 2002 के गोधरा टे्रन दहन कांड पर भी वैसी ही चुप्पी थी।
गुजरात के गोधरा में ट्रेन 59 कार सेवक दहन कांड 27 फरवरी 2002 की सुबह में ही हो गया था।
पर, उस दिन शाम तक किसी तथाकथित सेक्युलर दल के नेता ने उस नृशंस कांड की निन्दा तक नहीं की थी।
27 फरवरी 2002 को जेहादियों ने गोधरा रेलवे स्टेशन पर खड़ी ट्रेन के डिब्बे को बाहर से पेट्रोल छिड़ककर जला दिया।
भीतर मौजूद 59 कार सेवक जिन्दा जल मरे।वे अयोध्या से लौट रहे थे।
वह हृदय विदारक घटना सुबह में ही हुई थी।
24 घंटे टी.वी.चैनलों वाले इस देश में दिन भर किसी सेक्युलर नेता ने उस घटना की निन्दा तक नहीं की।
किंतु जब शाम में गुजरात में प्रतिशोधात्मक दंगे शुरू हुए तो सेक्युलर दल के नेतागण उसके खिलाफ चिल्लाने लगे।
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इस तरह के अनेक उदाहरण आए दिन मिलते रहे हैं।
इस तरह बंट चुका समाज यदि अब भी इतिहास से नहीं सीखेगा तो उसे और उसकी आनेवाली पीढ़ियों को भला विनाश से कौन बचा सकता है ????
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10 नवंबर 24