‘‘पी.एफ.आई.-केंद्र सरकार मुठभेड’’़ के पक्ष-विपक्ष में
वस्तुपरक ढंग से बयान दें सेक्युलर राजनीतिक दल
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सुरेंद्र किशोर
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यदि इस देश के सेक्युलर दल अपनी चुनावी खैरियत चाहते हैं तो वे ‘‘केंद्र बनाम पी एफ आई मुठभेड़’’पर सोच -समझकर और वस्तुपरक ढंग से बयान दें।
अन्यथा,उनका वही हाल होगा जो हाल सिमी के पक्ष में बयान देने के कारण कुछ सेक्युलर दलों का हुआ है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष सलमान खुर्शीद तो सुप्रीम कोर्ट में सिमी के वकील थे।अभी उत्तर प्रदेश विधान सभा में कांगेस के दो विधायक हैं।़
सिमी के लोगों ने पी.एफ.आई. बनाया है।इसका घोषित उद्देश्य सन 2047 तक भारत को हथियारों के बल पर इस्लामिक देश बना देना है।
मैंने मुंठभेड़ इसलिए लिखा क्योंकि इस संघर्ष में न तो मोदी सरकार जल्दी मानने वाली है और न ही पी.एफ.आई.।
यानी, निर्णायक लड़ाई की आशंका है।चाहे उसका जो नतीजा हो।
हालांकि राजसत्ता की अपार ताकत के सामने वह संगठन अधिक दिनों तक टिक नहीं पाएगा।
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अब प्रतिबंधित सिमी के हौसलों की बानगी नीचे पढ़िए।
इसके बावजूद इस देश के अधिकतर सेक्युलर दलों ने कहा था कि सिमी छात्रों का एक निर्दोष संगठन है।
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9 अप्रैल 2008 के हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार सिमी के नागौरी ने कहा था कि ‘‘हमारा लक्ष्य जेहाद के जरिए भारत में इस्लामिक शासन कायम करने का है।
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टाइम्स आॅफ इंडिया के अनुसार सिमी के अहमदाबाद के जोनल सेके्रट्री साजिद मंसूरी ने कहा था कि ‘‘जब भी हम सत्ता में आएंगे तो हम इस देश के सभी मंदिरों को तोड़ देंगे और वहां मस्जिद बनवाएंगे।’’.......30 सितंबर 2001
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23 सितंबर 22
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