गुरुवार, 8 फ़रवरी 2024

 चाणक्य-मेगस्थनीज संवाद

---------

‘इतिहास का प्रसंग है।

मेगस्थनीज चाणक्य से मिलने आए।

देखा काम में व्यस्त हैं।

वहां जल रहा दीपक बुझाते हैं।

दूसरा जलाते हैं,

फिर मेगस्थनीज से संवाद करते हैं।

मेगस्थनीज की जिज्ञासा है,एक दीपक बुझा कर,

दूसरा क्यों जलाया आपने ?

चाणक्य का सहज जवाब था,

अब तक महामंत्री की हैसियत से राष्ट्र का काम कर रहा था।

अब चाणक्य की हैयित से आपसे बात कर रहा हूं।

उस दीपक में राष्ट्र का तेल है।

निजी कार्य के लिए राष्ट्रीय संपत्ति का उपयोग घोर अपराध है।

यह है इस देश की तासीर।

इसे बचाने के लिए सभी दलों में आम सहमति बने।’

-- हरिवंश,राज्य सभा के उप सभापति

दैनिक भास्कर

6 फरवरी 2014

----------

अब समकालीन तासीर की कुछ झलकें देखिए।

इंडी गठबंधन की पहली बैठक पटना में हुई थी।

उसमें शामिल होने के लिए इस गरीब देश के अमीर नेतागण आठ चार्टर्ड विमानों में सवार होकर विभिन्न हिस्सों से पटना पहुंचे थे।

जिस देश के 80 करोड़ लोगों को फ्री अनाज देना पड़ रहा है,उस देश में ऐेसे-ऐसे नेता हैं।

----------------

दूसरी झलक

------

1985 में तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि 

हम दिल्ली से सौ पैसे भेजते हैं,पर गांवों तक उसमें से सिर्फ 15 पैसे ही पहुंचते हैैं।

ये सौ पैसे एक दिन में तो घिस कर तो 15 पैसे नहीं बने होंगे।

ये जवाहरलाल नेहरू,लालबहादुर शास्त्री और इंदिरा गांधी के शासनकाल में घिसते चले गये।

मोदी सरकार श्वेत पत्र जारी कर रही है।

राजीव गांधी ने तो अपनी मां और नाना की सरकारों पर श्वेत पत्र 1985 में ही जारी कर दिया था।

वैसे लालबहादुर शास्त्री पर कोई शक नहीं करता।

शायद इसीलिए रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हुई।

----------------

अब सन 1963 का हाल जानिए।  

सन 1963 में ही तत्कालीन कांग्रेस  अध्यक्ष डी.संजीवैया को  इन्दौर के अपने भाषण में यह कहना पड़ा  कि ‘वे कांग्रेसी जो 1947 में भिखारी थे, वे आज करोड़पति बन बैठे।

 कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा था कि ‘झोपड़ियों का स्थान शाही महलों ने और कैदखानों का स्थान कारखानों ने ले लिया है।’

------- 

सुरेंद्र किशोर

8 फरवरी 24






कोई टिप्पणी नहीं: