श्रीराम ने बालि को छिपकर मारा था।
इसके बावजूद वे
मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए।
यानी,व्यापक जनहित में थोड़े से भटकाव की अनुमति है।
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जो राजनीतिक दल व नेतागण भारत के संविधान व कानून की रक्षा की सबसे अधिक जरूरत बताते रहते हैं,वे अपने पंथिक और व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए संविधान व कानूनों को बदलते-बदलवाते रहे हैं।
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