ब्रिटेन इस्लामिक सल्तनत की ओर बढ़ रहा ?
क्या अगला खतरा भारत पर है !
कई यूरोपीय शासकों की अपेक्षा इस मामले में
मोदी -शाह की भूमिका काफी बेहतर है।
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सुरेंद्र किशोर
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क्या ब्रिटेन जल्द ही इस्लामिक देश बन जाएगा ?
सोशल मीडिया की खबरों पर भरोसा करें तो ‘‘दुनिया पर कभी राज
करने वाला ब्रिटेन अब अपनी ही गलियों में डर -डर कर रहा है।’’
सिर्फ लंदन में 10 लाख मुस्लिम हैं।
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ब्रिटिशर्स ने भारत में ‘‘बांटो और राज करो’’ की नीति अपनाई थी।
व्यापार करने भारत आए और भारत के राजा बन गये थे।
मुस्लिम लोग ब्रिटेन तथा यूरोप के अन्य देशों में शरणार्थी बन कर गए थे,अब बारी -बारी से कई यूरोपीय देशों पर वे कब्जा करने की प्रक्रिया में हैं।
यानी, प्रवासी-शरणार्थी मुस्लिम लोग गोरों के साथ ‘‘मियां की जूती मियां का सर’’ कर रहे हैं।
ब्रिटेन के उदारवादी और मानवतावादी राजनीति का लाभ उठाकर मुस्लिम धीरे- धीरे पूरे देश पर कब्जा करने के क्रम में आगे बढ़ रहे हैं,यदि आपको सोशल मीडिया पर विश्वास हो तो इसे भी सच मानिए।
कहा जा रहा है कि जेहादियों का अगला टारगेट भारत है।
हमारे यहां भी वोट लोलुप सेक्युरिस्टों के बल पर मुस्लिमों ने आबादी बढ़ा कर अनेक जिलों पर कब्जा कर लिया है।
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हालांकि भारत में बेहतर स्थिति यह है कि अभी राष्ट्रवादियों की सरकार है जिसके पी.एम.मोदी ने उच्चाधिकारप्राप्त डेमोग्राफिक मिशन बनाने की हाल में घोषणा कर दी है।बांग्ला देशी और रोहिंग्या धीरे-धीरे देश से भगाए जा रहे हैं।
पर,केंद्र सरकार का असल टेस्ट पश्चिम बंगाल में होगा जहां विशेष मतदान सूची परीक्षण होने ही वाला है।नरेंद्र मोदी जानते हैं कि जेहादियों से कैसे निपटा जाता है।
जिस तरह इजरायल में शत्रु बोध है।इजरायल गाजा-हमास के पूर्ण सफाए में लगा हुआ है।वहां भी वही ्िरस्थति है--चाहे इजरायल जिंदा रहेगा या उसके पड़ोस की जेहादी शक्तियां।
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भारत में भी इजरायल फार्मूला अपनाए बिना यह देश एक बार फिर मुगल काल में वापस चला जा सकता है कम से कम एक हिस्सा,ऐसा जानकार लोग बताते हैं।
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और अंत मंें
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यदि बिहार विधान सभा चुनाव में जेहादी पक्षियों को बल मिला तो पूरे देश पर खतरा बढ़ जाएगा।
सन 2020 के बिहार विधान सभा चुनाव में जिन मतदाता लोगों ने चिराग पासवान के दल को वोट दिए,उन लोगों ने बाद में पछताया--कहा कि जंगल राजकी पुनरावृति से हम बाल-बाल बचे।
यदि इस बार भी चिराग पासवान के नये संस्करण के चक्कर में पड़े तो आप अपने और पूरे देश के लिए भारी संकट को आमंत्रित करेंगे।
याद रहे कि इस बार के बिहार चुनाव में जितने बड़े पैमाने पर पैसों का खेल होने वाला है--वैसा खेल इससे पहले कभी नहीं हुआ था यहां।
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29 अगस्त 25
ब्रिटिश इतिहासकार सर जे.आर.सिली (1834-1895)ने लिखा है कि ब्रिटिशर्स ने भारत को कैसे जीता।
मशहूर किताब ‘द एक्सपेंसन आॅफ इंगलैंड’ के लेखक सिली की स्थापना थी कि
‘‘हमने (यानी अंग्रेजों ने) नहीं जीता,बल्कि खुद भारतीयों ने ही भारत को जीत कर हमारे प्लेट पर रख दिया।’’
चैधरी चरण सिंह ने सर जे.आर.सिली की पुस्तक का हिन्दी में अनुवाद करवाकर बंटवाया था।
चरण सिंह ने एक तरह से हमें चेताया था कि यदि इस देश में गद्दार मजबूत होंगे तो देश नहीं बचेगा।
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मध्य युग में भी वीरता की कमी के कारण हम नहीं हारे।
बल्कि आधुनिक हथियारों की कमी और आपसी फूट के कारण हारे।
हमारे राजा अपने विदेशी दुश्मन की माफी को बार-बार स्वीकार कर उसे बख्श देते थे।
पर, दुश्मन एक बार भी नहीं बख्शता था।