मुम्बई के बेघरों के साथ अन्याय
करने के आरोप में संजय राउत तो जेल में हैं
पटना( दीघा )में जमीन के लिए पैसे जमा करने वाले 11 हजार 260 आवेदकों के साथ हुए अन्याय का क्या होगा ?
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सुरेंद्र किशोर
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मुम्बई के 672 बेघरों के पुनर्वास में बाधा बनने के
आरोप में राज्य सभा सदस्य संजय राउत जेल में हैं।
पर,पटना के 11 हजार 260 बेघरों के साथ धोखाधड़ी करने वालों को अब तक कोई सजा नहीं हुई।
धोखाधड़ी करने वालों में बिहार राज्य आवास बोर्ड, बिहार पुलिस,राज्य के सत्ताधारी और प्रतिपक्षी नेतागण और भू माफिया शामिल हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि दीघा की 1024 एकड़ भूमि आवास बोर्ड की है।
सन 2002 में पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के उच्च अधिकारियों को कोर्ट में बुलाकर सख्त निदेश दिया था कि वे आवास बोर्ड की दीघा भूमि से अतिक्रमण हटाएं अन्यथा आप पर हम कार्रवाई करेंगे।
उसके बाद अतिक्रमण हटाने के सवाल पर मुख्य सचिव और डी.जी.पी. में मतभेद हो गया।डी.जी.पी.अतिक्रमण हटाने के पक्ष में नहीं थे।
उस पर मुख्य सचिव ने नौकरी से इस्तीफे की धमकी दे दी।
फिर भी कुछ नहीं हुआ।बात आई-गई हो गई।
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दीघा में भूखंड देने के लिए आवास बोर्ड ने सन 1981 में 11 हजार 260 लोगों से अग्रधन लिए।
पर,निहित स्वार्थी तत्वों ने किसी को भूखंड नहीं लेने दिया।
उधर भू माफियाओं ने पुलिस,प्रशासन, आवास बोर्ड और पक्ष-विपक्ष के नेताओं की मदद से 1024 एकड़ मंें से अधिकांश जमीन नाजायज तरीके से बेच दी।
उन 11260 आवेदकों से आवास बोर्ड ने कहा कि आप पैसे वापस ले लें।हम आपको जमीन नहीं दे सकते।
अधिकतर लोगों ने वापस ले लिए।कुछ लोगों ने पैसे वापस नहीं लिए।
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आज की राज्य सरकार पटना हाई कोर्ट के निदेश का पालन करना चाहती है।
पटना हाईकोर्ट भी अब काफी सख्त है।
हाईकोर्ट इस नतीजे पर पहुंचा है कि आवास बोर्ड के अफसरों और स्थानीय थानेदारों ने रिश्वत लेकर अतिक्रमण करवाया है।
हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप कुमार ने कह दिया है कि थानेदारों और आवास बोर्ड पर कार्रवाई नहीं हुई तो हाईकोर्ट उन्हें नहीं छोड़ेगा।
अदालत को यह भी निदेश देना चाहिए कि जिन लोगांे ने 1981 में आवास बोर्ड में दीघा में जमीन के लिए जमा अपना अग्रधन वापस नहीं लिया है,उन्हें भूखंड देेने पर आवास बोर्ड विचार करे।
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3 अगस्त 22
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