राजनीतिक दल नदी की अविरल धारा बनें
न कि तालाब का सड़ता पानी
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सुरेंद्र किशोर
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कर्नाटका के पूर्व मुख्य मंत्री और भाजपा नेता जगदीश शेट्टर ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया।
टिकट न मिलने से वे नाराज थे।
जगदीश जी उम्रदराज नेता हैं।
लगता है कि भाजपा की यह समझ बन चुकी है कि यदि मृत्युपर्यंत जगदीश जी जैसे नेता ही टिकट पाते रहेंगे तो भाजपा के अन्य कार्यकर्ता सिर्फ झाल बजाने और पालकी ढोने के लिए ही तो भाजपा में नहीं आ रहे हैं।
कुछ समय पहले यह अपुष्ट खबर छपी थी कि भाजपा अगले लोक सभा चुनाव में उन सांसदों को टिकट नहीं देगी जिनके दो कार्यकाल पूरे हो चुके है।
यदि ऐसा हुआ तो कल्पना कीजिए कि कितने अधिक नए लोगों को वहां मौका मिलेगा।
जब वोट, मोदी के ही नाम पर ही मिलना है तो उम्मीदवार का कितना महत्व है ?
ऐसा हुआ तो भाजपा में, नदी की अविरल घारा की तरह, नए लोग जुड़ते जाएंगे।
दूसरी ओर, जो दल पीढ़ी-दर पीढ़ी एक ही परिवार को टिकट और पद देते रहेंगे, वे एक दिन तालाब के गंदे पानी में परिणत हो जाएंगे यदि किसी कारणवश उनका जातीय-धार्मिक वोट बैंक कम हो गया।
भाजपा ने सन 2022 के चुनावों से यह तय किया कि एक परिवार से एक ही को टिकट मिलेगा।
पार्टी ने उसका पालन भी किया।नरेंद्र मोदी ने कहा कि दल के कोई नेता एतराज करें तो उन्हें कह दीजिए कि यह मोदी का फैसला है।
नतीजतन जो बाहरी नेतागण अपने पुत्र-पुत्री के साथ भाजपा में प्रवेश करना चाहते थे,वे रुक गए।
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17 अप्रैल 23
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