अलग -अलग पुलिस मुठभेड़ों में दो मौतें ,
एक पर चुप्पी ,पर,दूसरे पर कानफाड़ू शोर
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सुरेंद्र किशोर
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गत 11 अप्रैल 2023 को उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में ढाई लाख रुपए का इनामी बदमाश आदित्य राणा पुलिस मुंठभेड़ में मारा गया।
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उत्तर प्रदेश में ही 13 अप्रैल, 2023 को अतीक का बेटा असद पुलिस मुंठभेड़ में मारा गया।
उस पर पांच लाख का इनाम था।
यानी,उत्तर प्रदेश पुलिस असद को आदित्य की अपेक्षा अधिक खतरनाक अपराधी मानती थी।.
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असद की मौत पर सर्वत्र भारी शोर है।
क्या आपने किसी अखबार में आदित्य की मौत के खिलाफ किसी नेता का बयान पढ़ा ?
क्या किसी नेता ने सवाल खड़ा किया कि आदित्य को फर्जी मुंठभेड़ में क्यों मारा गया ?
क्या किसी नेता ने कहा कि ऐसा काम करना हो तो कोर्ट कचहरी बंद कर दो ?
आदि आदि.......
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मैंने तो ऐसा कोई बयान राणा पर नहीं पढ़ा।
क्योंकि लगता है कि आदित्य राणा वोट का सौदागर नहीं था।
उसे किसी सुप्रीमो नेता का संरक्षण प्राप्त नहीं था।
उसका किसी दूसरे देश के किसी विवादास्पद संगठन से रिश्ता नहीं था।
पता नहीं,वह विदेश से हथियार मंगाता था या नहीं !
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यानी,
मानवाधिकार उसी का है जो अतीक या उसके पुत्र जैसे लोगों के ‘‘गुणों’’ से भरा हुआ हो।
बाकी पर कोई नेता नकली आंसू भी नहीं बहाएगा।
यह भी नहीं कहेगा कि आदित्य राणा की हत्या से भाईचारा नष्ट होता है।
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अपने देश में कुछ भी चलता है।
ऐसे ही चल रहा है अपना ढीला ढाला लोकतंत्र !
ऐसा कब तक चलेगा ?
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14 अप्रैल 23
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