‘‘इंडिया न्यूज’’ पर सार्थक डिबेट
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सुरेंद्र किशोर
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आज सुबह मैं न्यूज चैनल ‘‘इंडिया न्यूज’’ पर टी.वी.डिबेट सुन रहा था।
ऐंकर थे--रोहित पुनेठा।
पुनेठा और अतिथियों के व्यवहार देख-सुनकर तबियत खुश हो गई।
डिबेट में सभी अतिथि विषय के जानकार थे।
अपनी बारी से पहले कुत्ते की तरह एक-दूसरे पर कोई अतिथि चिल्ला नहीं रहा था।
लगता था कि वे संस्कारी परिवार के थे।
लगा कि जब वे 10-15 वर्ष के आयु वर्ग में थे तब उन्हें उनके अभिभावक ने अच्छे संस्कार दिये थे।
पूरे डिबेट में ऐसी नौबत नहीं आई कि ऐंकर कह रहा हो कि अब आप खत्म कीजिए और गेस्ट बदतमीज और संस्कारहीन की तरह बोले जा रहा हो।
ऐसा कभी नहीं हुआ कि ऐंकर आम पर सवाल पूछ रहा था और गेस्ट इमली पर जवाब दे रहा हो।
यह ऐसा कार्यक्रम था जिसमें श्रोताओं और दर्शकों ने अतिथियों की बातें सुनी और समझी।
क्योंकि कोई शोरगुल नहीं था।
ऐंकर भी अपना लंबा भाषण झाड़ कर या बार-बार टोका टोकी करके लोगों को बोर नहीं कर रहा था।
यह भी नहीं हो रहा था कि जो गेस्ट, ऐंकर की विचारधारा या लाॅयल्टी के खिलाफ में बोल रहा हो तो उसे बात-बात पर ऐंकर टोके और जो ऐंकर की विचार धारा व चैनल की लाइन के पक्ष में हो,उसे कभी न टोके।उसे लंबा बोलने दे।
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डिबेट के नाम पर ‘‘कुत्ता भुकाओ कार्यक्रम’’ चलाने वाले कई टी.वी.चैनलों को (सब नहीं)इंडिया न्यूज से यह बात सीखनी चाहिए कि सार्थक डिबेट कैसे कराई जाती है।
कम से कम टी.वी.चैनलों पर तो ऐसी बहस मत करवाओ जो हंगामा, बदतमीजी,अज्ञानता और गुंडई के मामले में जन प्रतिनिधि सभाओं से प्रतियोगिता न करे।
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18 दिसंबर 24
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