जैविक खेती करिए , कैंसर से बचिए
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गांव में घर बनाने के लिए आज मैंने भूमि पूजा की
ताकि वहां रह कर अपनी पुश्ैनी जमीन पर जैविक
खेती कर या करा सकूं
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सुरेंद्र किशोर
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आज मैंने पत्नी के साथ पुश्तैनी गांव जाकर भूमि पूजा की।
इरादा एक छोटा सा घर बनाने का है।मेरे साथ मेरे पुत्र अमित और भतीजा कामेश्वर भी थे।
वहां हमारी कुछ जमीन है।
उसमें मैं जैविक खेती करना चाहता हूं।
देखें, यह काम मुझसे हो पाता है या नहीं।
जिस जमीन में सनातन रीति से आज भूमि पूजा की गई,वह खानपुर-भरहापुर बाजार के बीचों बीच स्थित है।मेरी जमीन की तीनों ओर मार्केट है।
अभी तो उस जमीन पर मार्केट बनाने की मेरी कोई योजना नहीं है,किंतु शेरपुर-दिघवारा 6 लेन गंगा ब्रिज अगले दो-तीन साल में जब बन कर तैयार हो जाएगा तो शायद मार्केट बनाने का हम पर भी दबाव पड़े।
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दरअसल बाजारों में उपलब्ध अधिकतर खाद्य और भोज्य पदार्थों में आर्सेनिक -रसायन-मिलावट आदि की भरमार है।
जिस तरह सरकार सड़कों पर अतिक्रमण रोकने में विफल है,उससे अधिक विफल वह मिलावटखोरों के खिलाफ सबक सिखाने लायक सजा दिलवाने में है।
इसके पीछे शासन में भीषण भ्रष्टाचार है।
नतीजतन कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
मैं अपनी देखरेख में जैविक उत्पादन करके भरसक कैंसर से बचना चाहता हूं।
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नीतीश सरकार और मोदी सरकार के प्रयास से हमारे पुश्तैनी गांव वाले इलाके का भी तेजी से विकास हो रहा है।सारण जिले के पूर्वी इलाके में हवाई अड्डा भी प्रस्तावित है।स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रूड़ी उसके लिए कई वर्षों से प्रयत्नशील थे।
इन सब बातों का सकारात्मक असर उस खानपुर-भरहापुर बाजार पर भी पड़ रहा है जहां हमने आज भूमि पूजा की।
नीतीश कुमार के सत्ता में आने के बाद ही पहली बार हमारे उस गांव में बिजली पहुंच सकी।
दिघवारा-अमनौर सड़क को, जो खानपुर बाजार से गुजरती है, मुख्य मंत्री नीतीश कुमार ने मेरे ही आग्रह पर आर.ई.ओ. से स्टेट हाईवे में बदल दिया ।सड़क मजबूत बनी है।उसका लाभ लोगों को मिल रहा है।
जब मैं अखबार की नौकरी में था तो सरकार सार्वजनिक महत्व के काम से संबंधित मेरा आग्रह सुन लेती थी।क्योंकि मैंने कभी अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए कोई पैरवी नहीं की।
खैर, अब तो सरकार मेरी सार्वजनिक हित वाली पैरवी भी नहीं सुनेगी ।क्योंकि मैं अब अखबार की नौकरी में नहीं हूं।
लेकिन मैं नीतीश कुमार का आभारी हूं जिन्होंने हमारे इलाके की सड़क को स्टेट हाइवे में परिणत करा कर विकास का रास्ता खोला।
जहां सड़क और बिजली हो,वहां विकास-रोजी-रोटी का रास्ता तो अनेक लोग खुद भी खोज लेते हैं।हां,अस्पताल सेवा-पुलिस सेवा बेहतर करने की आज भी जरूरत है।साथ ही,सरकारी दफ्तरों में घूसखोरी लोगों को बहु पीड़ित करती है।
उससे राज्य सरकार की छवि खराब होती है।
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अविभाजित सारण जिला मनी आर्डर इकोनोमी वाला जिला रहा है।लालू प्रसाद के शासन काल में सारण के बेला और मढ़ौरा में रेल कारखाने की नींव पड़ी।
नीतीश कुमार-नरेंद्र मोदी के शासन काल में एक और बड़ा काम हुआ जो पिछड़े सारण जिले के विकास के लिए संजीवनी का काम करेगा।वह है निर्माणाधीन शेरपुर -दिघवारा 6 लेन गंगा पुल।
इस गंगा ब्रिज के लिए स्थल निरीक्षण करने कुछ साल पहले नीतीश कुुमार उस इलाके में गए थे।
तब उन्होंने कहा था कि इस मेगा पुल के बन कर तैयार हो जाने पर दिघवारा से नया गांव का इलाका ‘‘न्यू पटना’’ बन जाएगा।
पटना में मैं जहां रहता हूं ,वहां से खानपुर-भरहापुर बाजार की दूरी करीब 50 किलोमीटर है।
शेरपुर-दिघवारा पुल के बन कर तैयार हो जाने पर इतनी कम दूरी भी और कम हो जाएगी।
आज मैंने अपनी गांव -यात्रा के दौरान यह महसूस किया कि नीतीश जी की इच्छा मूर्त रूप लेने लगी हैं।मैंने सुना कि दिघवारा के आसपास की जमीन तेजी से बिक रही है और कुछ लोग तो दस-पांच बीघा भी एक साथ खरीद रहे हैं।या खरदने की इच्छा रखे हैं।
हाजीपुर-छपरा नेशनल हाईवे के दोहरी करण और मजबूती करण का काम भी तेजी से चल रहा है।
,मेरा पुश्तैनी गांव दिघवारा से करीब 3 किलोमीटर दूर दिघवारा-अमनौर स्टेट हाईवे पर स्थित है।
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10 फरवरी 25
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