अमेरिका से प्रत्यार्पित होकर भारत पहुंचे दो
युवकों को पटियाला पुलिस ने हत्या के आरोप में
15 फरवरी की रात को गिरफ्तार कर लिया
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इस देश के जो नेता और राजनीतिक दल आपातकाल में जार्ज फर्नांडिस को भारी हथकड़ी लगा कर जकड़ दिये जाने की चर्चा तक नहीं करते ,वे भारी हथकड़ी-बेड़ी के साथ अमेरिका से लौट रहे ‘‘घुसपैठियांे’’ं को लेकर काफी चिंतित और दुखी नजर आ रहेे हैं।
याद रहे कि प्रत्यार्पितों में से कई लोगों के खिलाफ भारत में पहले से ही गंभीर आरोपों में मुकदमे चले रहे हैं।
(आपातकाल में केस की सुनवाई के सिलसिले में जब भी जार्ज को दिल्ली कोर्ट में हाजिर किया जाता था,उनको हथकडी में जकड़कर ही --जैसा कि इस पोस्ट के साथ संलग्न फोटोे से स्पष्ट है।
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कहते हैं कि कुछ खास नेताओं -दलों की असल चिंता भारत में आकर उनका वोट बैंक बने बांग्लादेशी -रोहिंग्या घुसपठियों के भविष्य को लेकर है जिन्हें राजग सरकार ने निकाल बाहर करना शुरू कर दिया है।
भारत में रह रहे वैसे करोड़ों घुसपैठियों को धीरे -धीरे बाहर
करने की गंभीर कोशिश होने वाली है।
फिर उनके वोट बैंक का क्या होगा ?!
उन घुसपैठियों के कारण देश के कई हिस्सों में वोट का समीकरण बदल गया है।
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20 फरवरी 25
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