गुरुवार, 20 जनवरी 2022

      हिंसा के आह्वान की छूट नहीं

   यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी सराहनीय

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     --सुरेंद्र किशोर--

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यति नरसिंहानंद गिरफ्तार कर लिए गए।

याद रहे कि हरिद्वार के गत धर्म संसद में उन्होंने भड़काऊ भाषण किया था।

 लोगों से अपील की थी कि वे जेहादियों के खिलाफ हथियार उठाएं।

 पुलिस ने देर से ही सही, किंतु सराहनीय काम किया।

खुलेआम हिंसा की वकालत करने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती।यह देश संविधान-कानून से चलेगा।

  पर,यति नरसिंहानंद के इस कृत्य के खिलाफ उन्हें बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है जो सिमी,आई.एम.और पी.एफ.आई. आदि के खिलाफ मुंह नहीं खोलते बल्कि उनकी जेहादी हिंसा के अभियान व कर्म का प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से समर्थन करते हैं।

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 जेहादियों से लड़ने के लिए इस देश की पुलिस,अर्धसैनिक बल व सेना पर्याप्त हैं।

यदि उनमें कोई कमी लगे तो इन बलों में महिलाओं की संख्या अधिक से अधिक बढ़ाई जानी चाहिए।

जेहादी लोग किसी महिला की गोली से नहीं मरना चाहते।

क्योंकि तब उन्हें जन्नत नहीं मिल पाती।

इराक में बगदादी की जेहादी जमात से लड़ने के लिए वहां की सरकारी सेना में बड़ी संख्या में महिलाओें को शामिल किया गया था।

महिला सैनिक को देखते ही बगदादी के जेहादी भाग खड़े होते थे।

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16 जनवरी 22

   


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