बुधवार, 26 जून 2024

 क्या हो रहा है इस देश में ?!!

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जो तटस्थ हैं,समय लिखेगा,उनका भी अपराध !

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सुरेंद्र किशोर

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14 जुलाई, 2004 को तब के गृह राज्य मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने संसद को बताया था कि पश्चिम बंगाल में घुसपैठियों की संख्या 57 लाख है।

अब आज के बारे में एक अनुमान लगाइए।

पहले की वाम सरकार व बाद की ममता सरकार की मेहरबानियों से आज यह संख्या बढ़कर 

कितनी हो गई होगी !

खबर आती रहती है कि रोज ही बड़ी संख्या में घुसपैठिए घुस रहे हैं।

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भारत एक देश है या धर्मशाला ?

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याद रहे कि कोई मुस्लिम देश बांग्ला देशी व रोहिग्ंया घुसपैठियों में से किसी एक को भी अपने देश में नहीं बसाता।

आखिर क्यों ?

इसलिए कि मुस्लिम देश चाहते हैं कि जिन देशों में अभी इस्लामिक शासन कायम नहीं हो सका है,वहां घुसकर वे वह काम करें।

क्योंकि भारत का प्रशासन भ्रष्ट है तथा वहां के अनेक दलों के नेतागण वोट के लिए घुसपैठियों को भरपूर समर्थन देते हैं। 

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दूसरी ओर, ब्रिटेन में जिन मुस्लिम शरणार्थियों को वहां की सरकार ने कभी बसाया था,उन्हें अब निकाल बाहर किया जा रहा है।क्योंकि वे अब अपने असली धार्मिक स्वरूप में आ गये हैं और ब्रिटेन में इस्लामिक कानून के लिए लड़ रहे हैं।खूब हिंसा हो रही है।

याद रहे कि किसी गैर मुस्लिम देश में मुस्लिम कानून लागू नहीं है।सिर्फ भारत में लागू है।

उन जेहादियों के खिलाफ हाल में ब्रिटेन में मूल वासियों की एक बड़ी जन सभा हुई है जिसमें 7 लाख लोग शामिल हुये।

हाल में यूरोपीय संसद का चुनाव हुआ।

अति दक्षिणपंथी दल जीत गये।

अब यूरोप के मुस्लिम युवक चिंतित हो उठे हैं।क्योंकि उन्हें डर है कि अब यूरोप में ‘‘धर्म निरपेक्ष और खुला लोकतंत्र’’ नहीं मिलेगा।कहा जा रहा है कि जेहादियों की हाल की करतूतों का ही यह नतीजा है कि दक्षिणपंथी दलों को मदद मिल गयी।हालांकि दूसरी ओर भारत के चुनाव में मुस्लिम वोट के अभूतपूर्व एकत्रीकरण के कारण अकेले भाजपा को इस बार बहुमत नहीं मिला।

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   सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी उपाध्याय बताते हैं कि सन 2017 तक भारत में 5 करोड़ घुसपैठिए पहुंच चुके थे।

मुस्लिम धर्म प्रचारक डा.जाकिर नाइक को यूट्ब पर हाल में यह कहते मैंने सुना कि अब भारत में हिन्दुओं की आबादी घटकर मात्र 60 प्रतिशत रह गयी है।

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क्या आपने भारत के किसी तथाकथित सेक्युलर दल को घुसपैठियों की बढ़ती संख्या से पैदा हो रही भीषण समस्याओं और वहां से हिन्दुओं के पलायन पर चिंता प्रकट करते देखा-सुना है ?

दूसरी ओर, ममता बनर्जी धमकी देती हैं कि यदि घुसपैठियों को बाहर निकालने की केंद्र सरकार कोशिश करेगी तो खून की नदियां बह जाएंगी।याद रहे कि इन दिनों हिन्दुओं का सर्वाधिक पलायन पश्चिम बंगाल में हो रहा है।

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हालांकि इसी ममता बनर्जी ने 4 अगस्त, 2005 को लोक सभा में यह आरोप लगाया कि तब की वाम मोर्चा सरकार ने 40 लाख बांग्ला देशी मुस्लिम घुसपैठियों को अवैध ढंग से पश्चिम बंगाल में मतदाता बना दिया है।

  ममता ने सदन में इस पर चर्चा की मांग की।

जब उसकी इजाजत नहीं मिली तो ममता ने लोक सभा की सदस्यता से सदन में ही इस्तीफा दे देने की घोषणा कर दी।

उससे पहले इस समस्या पर ममता सदन में ही रो पड़ी थीं।

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पर, जब ममता बनर्जी मुख्य मंत्री बनीं और वही अवैध मुस्लिम मतदातागण ममता के दल को वोट देने लगे तो वह उनके पक्ष में चट्टान की तरह खड़ी हो गईं।

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उससे पहले ज्योति बसु की सरकार पर आरोप लगा था कि सन 1979 में उसने सुंदरवन में शरण लिए करीब 1700 बांग्ला देशी हिन्दू शरणार्थियों की सामूहिक हत्या करवा दी।

(द प्रिंट 11 मई, 2019)

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दूसरी ओर, बांग्ला देशी मुस्लिम घुसपैठियों के प्रति वाम मोर्चा सरकार का वैसा रवैया नहीं रहा।

बल्कि उसे वोट बैंक बनाया गया।

पर,जब मुख्य मंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य ने कहा कि घुसपैठियों के कारण 7 जिलों में सामान्य प्रशासन चलाना मुश्किल हो गया है तो मुसलमानों ने वाम मोर्चा को छोड़कर ममता का साथ देना शुरू कर दिया।हालांकि सी.पी.एम.के शीर्ष नेताओं ने भट्टाचार्य पर दबाव उाल कर उनका बयान बदलने को बाध्य कर दिया था।पर,वाम फिर भी मुसलमानों के लिए विश्वसनीय नहीं रह गया था।क्योंकि उन्हें तो टोटल समर्पण चाहिए जो उनको ममता सरकार से उपलब्ध है।   

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पी.एफ.आई.सन 2047 तक इस देश को इस्लामिक देश बना देने के लिए हथियारबंद कातिलों के दस्ते बना रहा है।

फुलवारीशरीफ पुलिस जांच में मिले दस्तावेज से यह मालूम हुआ है।पाॅपुलर फं्रट आॅफ इंडिया के राजनीतिक संगठन एस.डी.पी.आई.ने पूरे देश में गत चुनाव में मुख्यतः कांग्रेस को अधिकतर मुस्लिम वोट दिलवा दिया।

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एक समस्या यह भी

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कश्मीर में सन 1990 में जे.एल.एफ.नेता यासिन मलिक ने 5 एयर फोर्स अधिकारियों की सामूहिक हत्या कर दी थी।

 बाद में ‘इंडिया टूडे’ के संवाददाता के साथ बातचीत में मलिक ने स्वीकार किया था कि ‘‘मैंने ही एयरफोर्स अधिकारियों को मारा।क्योंकि वे निर्दोष नहीं थे।’’

   उस हत्याकांड के 34 साल बीत चुके।अब तक यासिन मलिक के खिलाफ केस की सुनवाई ही चल ही रही है।इस बीच तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह से यासिन मलिक ने मुलाकात कर ली।

जब मनमोहन जी यासिन से मिल रहे थे तो उधर उस घटना में मृतक एयरफोर्स अफसर रवि खन्ना की विधवा का दिल बैठ रहा था।उसने कहा कि सरकार ने हमें धोखा दिया।

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यह रिश्ता क्या कहलाता था ?!

ऐसा रिश्ता देश को मध्य कालीन भारत की ओर तेजी से  ढकेल रहा है।क्या आनेवाली पीढ़ियां हमें माफ करेंगी ?

ऐसी ही घटनाओं को लेकर राष्ट्रकवि रामधारी दिनकर ने लिखा था,

‘‘ समर शेष है,नहीं पाप का भागी केवल व्याध,

जो तटस्थ हैं,समय लिखेगा,उनका भी अपराध।’’

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26 जून 24 



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