गुणवत्तायुक्त पैथोलाॅजिकल जांच घर की अपने देश
खास कर बिहार में सख्त कमी महसूस की जा रही है।कुछ विश्वसनीय जांच घर जरूर हैं,पर वे जरूरत के अनुपात में अत्यंत नाकाफी हैं।
इस कमी के कारण न जाने कितने मरीज रोज -रोज धोखा खा रहे हैं।जब जांच रपट ही गलत मिलेगी तो बेचारे डाक्टर क्या इलाज करेंगे !
मैं एक मरीज को जानता हूंं जिसने उत्तर बिहार के एक नगर में अपना लगातार टेस्ट करवाया।रपट के अनुसार उसका सुुगर नार्मल पाया जाता था।
वर्षों तक वहां से ऐसी ही रपट उसे मिलती रही।
पर जब उसने एक विश्वसनीय जांच घर में जांच करवाई , तब तक देर हो चुकी थी।इस बीच सुगर बढ़कर लगभग 300 से भी अधिक हो चुका था।
बेचारे का जीवन बर्बाद हो गया।
इस स्थिति में एम्स को आगे आना चाहिए।उसे हर जिले में
अपना लैब खोलना चाहिए।या फिर पतंजलि समूह यह काम भी अपने हाथ में ले।
यदि ऐसा हुआ तो बहुत से मरीज समय से पहले काल के गाल में जाने से बचेंगे।
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