गुरुवार, 22 जुलाई 2021

    समुचित इलाज के अभाव में मरे थे लोहिया

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   विदेश में आॅपरेशन के लिए वे मात्र 

  12 हजार रुपए नहीं जुटा पाए थे।

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  --सुरेंद्र किशोर--

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‘‘रोगाणु विनाशक व्यवस्था के ना होने तथा डाॅक्टरों और अधिकारियों की लापारवाही और बेफिक्री के कारण डा.राम मनोहर लोहिया की मृत्यु हुई।’’

   इंदिरा सरकार और बाद की जनता पार्टी सरकार 

की ओर से नियुक्त जांच समिति का उपर्यक्त निष्कर्ष था।

याद रहे कि प्रोस्टेट ग्लैंड के आॅपरेशन के लिए डा.लोहिया दिल्ली के वेलिंगटन अस्पताल में भर्ती हुए थे ।

आॅपरेशन हुआ।

किंतु समुचित चिकित्सा व लापरवाही के कारण उनका 12 अक्तूबर, 1967 को निधन हो गया।

उस समय वे लोक सभा के सदस्य थे।

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अब सवाल है कि डाक्टरों -अधिकारियों की लापरवाही के लिए किसी को सजा दी गई ?

मुझे नहीं मालूम।

 किसी अन्य को मालूम हो तो वे जरूर बताएं।

तब राजनीतिक हलकों में यह चर्चा थी कि दोषी व्यक्ति एक बहुत बड़े नेता का काफी करीबी निकल गया था,इसलिए उसे बख्श दिया गया।

क्या यह सच है ?

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सवाल यह भी है कि उस अस्पताल में एंटी बाॅयटिक न रहने के बावजूद  आॅपरेशन क्यों किया गया ?

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डा.लोहिया जर्मनी में यह आॅपरेशन कराना चाहते थे।

जर्मनी के एक विश्व विद्यालय ने व्याख्यान के लिए उन्हें बुलाया था।

आने-जाने का खर्च विश्वविद्यालय वहन कर रहा था।

पर आॅपरेशन का खर्च खुद उठाना था।

लोहिया ने अपने दल के एक प्रमुख सहकर्मी से कहा था कि वह 12 हजार रुपए का प्रबंध करे।

पर,इस काम के लिए चंदा उन राज्यों से एकत्र न करे जहां की सरकारों में हमारी पार्टी यानी संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के प्रतिनिधि शामिल हैं।

याद रहे कि तब बिहार ,उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश सहित देश के नौ राज्यों गैर कांग्रेसी सरकारें चल रही थीं।

बिहार में तो संसोपा नेता कर्पूरी ठाकुर उप मुख्य मंत्री, वित्त मंत्री और शिक्षा मंत्री थे।

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डा.लोहिया को लगता था कि सत्ता वाले राज्य से पैसे आएंगे तो उससे हमारी सरकार की बदनामी हो सकती है।

जिन्हें दल से जुड़े मजदूरों से पैसे लेने का जिम्मा दिया गया था,वह नेता समय पर पैसे नहीं जुटा सके।

इस बीच आॅपरेशन जरूरी हो गया ।

 लोहिया को दिल्ली के अस्पताल में भर्ती होना पड़ा।

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डा.लोहिया का जन्म 1910 में हुआ था।

 मात्र 57 साल की उम्र में उनकी मृत्यु हो गई।

वह भी पैसे के अभाव व सरकारी लापारवाही के चलते।

स्वतंत्रता सेनानी व समाजवादी नेता व विचारक लोहिया कितने महत्वपूर्ण हस्ती थे,यह बात यह देश अब जान गया है।

   देश के इतने महत्वपूर्ण नेता के जीवन के साथ भी ऐसी लापरवाही ?

फिर भी दोषियों को कोई सजा नहीं !

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--सुरेंद्र किशोर-

14 जुलाई 21


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