पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हत्या,
बलात्कार और विस्थापन के संबंध में
‘इंडियन एक्सप्रेस’ में मानवाधिकार
आयोग की रपट प्रकाशित
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--सुरेंद्र किशोर-
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क्या पश्चिम बंगाल इसी देश का एक अंग है जिस देश के बारे में यह कहा जाता है कि यहां संविधान व कानून का शासन है ?
‘इंडियन एक्सप्रेस’ में इस महीने कई किस्तों में प्रकाशित रपटों से इस दावे पर आपको कुछ संदेह हो सकता है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी कहा है कि पश्चिम बंगाल में शासकों का कानून चलता है न कि वहां कानून का शासन है।
इससे पहले कोलकाता हाईकोर्ट ने आयोग को निदेश दिया था कि वह पश्चिम बंगाल में हुई चुनाव बाद हिंसा की जांच करे।
आयोग ने जांच की और रपट अदालत को दे दी ।
और, कहा कि अपराध के मामलों की जांच सी.बी.आई.करे।
साथ ही, आयोग ने अदालत से यह भी गुजारिश की है कि हत्या,बलात्कार,आगजनी व विस्थापन आदि से संबंधित मुकदमों की सुनवाई पश्चिम बंगाल से बाहर के किसी राज्य में कराई जाए।
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जिनके लिए संभव है वे 16 जुलाई से 20 जुलाई, 2021 तक के इंडियन एक्सप्रेस को पढ़ लें।
उन्हें मौजूदा बंगाल की एक झलक मिल जाएगी।
उनमें मानवाधिकार आयोग की रपट का विवरण छपा है जो रपट कोलकाता हाईकोर्ट को सौंपी गई है।
पश्चिम बंगाल के बाहर के लोगों को जानना ही चाहिए कि ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल में कैसी -कैसी अभूतपूर्व घटनाएं घट रही हैं।
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21 जुलाई 21
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