जयप्रकाश नारायण का एकाकीपन
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किशन पटनायक -
जब से केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी है,क्या उसके लोग आपसे पूछते रहते हैं कि क्या -क्या काम देश में करना चाहिए ?
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जयप्रकाश नारायण-
जब से दिल्ली में सरकार बनी है,(तब से)
आज तक क्या सरकार और उसके किसी आदमी ने मुझसे सलाह नहीं ली है।
न बिहार की सरकार ने ली है और न दिल्ली की सरकार ने।
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जयप्रकाश नारायण-
जो कहिए,हमसे उनका कोई संपर्क ही नहीं है,सलाह लेने की बात उठती नहीं है।
दिल्ली में रहता तो शायद कुछ होता लेकिन बिहार सरकार भी कुछ खास सलाह लेती है,ऐसा नहीं है।
सलाह देेने का न कोई मेरा अधिकार है ,न इसके बारे में मेरी कोई शिकायत है।
ऐसे तो बीच-बीच में लोग मुझसे मिलते रहते है।
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यह बातचीत ‘सामयिक वात्र्ता’ नामक पाक्षिक पत्रिका( 16 अगस्त, 1977) में छपी थी।
समाजवादी विचारक व नेता तथा पूर्व लोक सभा सदस्य किशन पटनायक उस पत्रिका के संपादक थे।
दिवंगत पटनायक ने 4 अगस्त, 1977 को जेपी से लंबी बातचीत की थी।
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जेपी आंदोलन,आपातकाल और 1977 का लोक सभा चुनाव मैंने करीब से देखा था।
कांग्रेस को केंद्र की सत्ता से पहली बार उखाड़ फेंकने का सबसे अधिक श्रेय जेपी को जाता है।
इसके बावजूद जेपी की ऐसी उपेक्षा !!!!!!
दरअसल सत्ता हासिल कर लेने के बाद अधिकतर नेताओं की मानसिकता बदल जाती है।
सब की नहीं।
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--सुरेंद्र किशोर
22 जुलाई 21
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