पूजा सिंघल के पास मनरेगा
घोटाले के कितने पैसे ?
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73 हजार करोड़ रुपए के बजट वाले
मनरेगा को किसानों से जोड़ने की मांग
को अब नरेंद्र मोदी पूरा करें
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सुरेंद्र किशोर
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अब जाकर पता चल रहा है कि मनमोहन सिंह सरकार ने
मनरेगा को किसानों से क्यों नहीं जोड़ा !
यदि जोड़ दिया होता तो पूजा सिंघल के पास इतने अधिक रुपए नहीं आ पातेे।
याद रहे कि मनमोहन सिंह सरकार के कृषि मंत्री शरद पवार ने अपने प्रधान मंत्री को यह लिखित राय दी थी कि मनरेगा के मजदूरों को किसानों से जोड़ दीजिए।
मजदूर को किसान कुछ पैसे दें और बाकी सरकार दे दे।
इससे सरकारी धन भी बचेगा।
शरद पवार ऐसे नेता नहीं हैं जिन्हें भ्रष्टाचार से नफरत है।
उन्हें चिंता इस बात की रही है कि किसानों को मजदूर अब कम मिल रहे हैं।
क्योंकि भारी जालसाजी के बावजूद उन्हें मनरेगा के तहत फिर भी कुछ मजदूरी तो मिल ही जाती है।
बाकी पैसे भले लूट लिए जाते हैं।
याद रहे कि वित्तीय वर्ष 2022-23 का मनरेगा का बजट 73 हजार करोड़ रुपए है।
अब तो 80 करोड़ लोगों को केंद्र सरकार अनाज भी दे रही है।
आरेाप है कि मनरेगा का जाली बिल बनाकर पूजा सिंघल जैसे अफसर और अनेक नेता लोग अपना हिस्सा ले रहे हैं।
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केंद्र सरकार देश के हर राज्य के कम से कम एक जिले के मनरेगा में लग रहे धन में हो रहे घोटाले की जांच कराए।
उसकी रपट आने के बाद मुझे पूरी उम्मीद है कि मनमोहन सिंह ने शरद पवार की जिस सलाह को ठुकरा दिया,उसे नरेंद्र मोदी जरूर मान लेंगे।
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10 मई 22
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