शनिवार, 7 मई 2022

      कर्पूरी ठाकुर चाहते थे कि उनका 

      पुत्र अंतरजातीय विवाह करे

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        सुरेंद्र किशोर

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सन 1972 की अपनी निजी डायरी मैं आज पलट रहा था।

तब मैं एक समाजवादी कार्यकर्ता की हैसियत से 

कर्पूरी ठाकुर का निजी सचिव था।

तब कर्पूरी जी विधान सभा में प्रतिपक्ष के नेता थे।

कोई गंभीर काम करने के लिए वे पटना के कोशी रेस्ट हाउस चले जाते थे।

8 जून, 1972 को मैंने अपनी डयरी में लिखा,

‘‘कर्पूरी जी ने रिक्शे पर (कोशी रेस्ट हाउस से आवास आते समय)लौटते समय मुझसे कहा कि आप रामनाथ से कहिए कि वह अंतरजातीय शादी करे।’’

   मुझे याद नहीं कि मैंने रामनाथ ठाकुर से यह बात कही थी या नहीं।कहीं ही होगी।क्योंकि कर्पूरी जी का निदेश था।

 किंतु आज जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो मुझे उस सलाह में कर्पूरी ठाकुर की उदारता नजर आती है।

  आज भी कितने नेता अपनी संतान से कह सकते हैं कि वह अंतरजातीय शादी करे ?

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7 मई 22 


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