अखबारों का बढ़ता-घटता प्रसार
भी चुनावी हवा का एक संकेतक
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सुरेंद्र किशोर
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अस्सी के दशक में मशहूर फिल्म अभिनेता एन.टी.रामाराव ‘तेलुगु स्वाभिमान’ के लिए संघर्षरत थे।
तेलुगु दैनिक ‘इनाड’ु ने उनका पूरा साथ दिया।
इनाडु की प्रसार संख्या बहुत बढ़ गयी।
एन.टी.रामराव को भी तब बहुत बड़ी चुनावी सफलताएं मिली थीं।
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उस दौरान ‘इनाडु’ के बढ़ते प्रसार से भी पहले ही यह पता चल गया था कि एन.टी.रामाराव के पक्ष में चुनावी हवा है।
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दमघोंटू इमरजेंसी की पृष्ठभूमि में सन 1977 में जब लोक सभा चुनाव की घोषणा हो गयी और इमरजेंसी की कठोरता में ढिलाई आई तो दो अखबारों के प्रसार अचानक बहुत बढ़ गये।
वे अखबार थे--इंडियन एक्सप्रेस और द स्टेट्समैन।
ये अखबार जेपी और जनता पार्टी के समर्थक और इंदिरा गांधी की राजनीतिक शैली और इमरजेंसी के सख्त खिलाफ थे।
1977 के चुनाव में इंदिरा सरकार का केंद्र की सत्ता से सफाया हो गया।यहां तक इंदिरा-संजय भी लोक सभा चुनाव हार गये।
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सन 2005 में जब नीतीश कुमार सत्ता में आए तो बिहार के एक अखबार ने उनकी सरकार के अच्छे कामों की सराहना शुरू कर दी।
अखबार का प्रबंधन परेशान था।
यदि सन 2010 में सरकार बदल गयी तो हमारा क्या होगा ?
मुझसे पूछा गया।
मैंने उनसे सवाल किया कि आपके अखबार का सर्कुलेशन बढ़ रहा है या घट रहा है ?
उन्होंने कहा कि वह तो बहुत बढ़ रहा है।
मैंने कहा कि तब आपको चिंतित होने की जरूरत नहीं है।
2010 में भी यही सरकार आएगी।
वही हुआ भी।
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अब आप आज की राजनीतिक स्थिति पर आइए।
सन 2024 में लोक सभा का चुनाव होना है।
नतीजों के बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं।कई लोगों के प्राण टंगे हैं।
वैसे भी हर जगह के अधिकतर अखबार आम तौर से दो हिस्सों में बंटे होते हैं।
एक की सहानुभूति सत्ता दल और दूसरे की सहानुभूति प्रतिपक्ष के साथ होती है।
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नरेंद्र मोदी के साथ सहानुभूति रखने वाले नई दिल्ली से प्रकाशित अखबार का सर्कुलेशन घट रहा है या बढ़ रहा है ?
प्रतिपक्ष के साथ सहानुभूति रखने वाले अखबार का प्रसार घट रहा है या बढ़ रहा है ?
यही बात निजी टी.वी.चैनलों पर भी लागू होती है--
किस चैनल के दर्शकों की संख्या बढ़ रही है और किसकी घट रही है ?
किस चैनल की सहानुभूति कहां है और कहां नहीं है,या निष्पक्ष है,यह तो अधिकतर मामलों में जगजाहिर ही है,
चाहे आप जितना छिपाएं !
अब कम कहना अधिक समझना।
आप तो खुद समझदार हैं।
क्षेत्रीय अखबारों और क्षेत्रीय निजी न्यूज चैनलों पर भी यही फार्मूला अपनाइए।
सही आकलन पर पहुंच जाइएगा।
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23 अक्तूबर 23
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