लोहिया पर अटल जी के विचार
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अक्तूबर महीना गंाधी,जेपी और लोहिया को याद करने वाला महीना है।
इन तीनों नेताओं में एक समानता है।
वे कभी अपने लिए सत्ता की कुर्सी नहीं चाहते थे।
पहले डा.राम मनोहर लोहिया के बारे में अटल बिहारी वाजपेयी के कुछ शब्द --
‘‘डा.लोहिया से मेरा अच्छा परिचय था।
उनका व्यक्तित्व अनूठा था।
उनका कद छोटा था किन्तु व्यक्तित्व महान था।
मैं उनकी गणना चिन्तकों में करता हूं।
चिन्तक भी मौलिक चिन्तक-प्रतिबद्ध समाजवादी थे।
लेकिन व्यक्ति की स्वाधीनता और गरिमा में अटूट विश्वास था।
लोकतंत्र की बलि चढ़ा कर लाए गए समाजवाद के वह विरुद्ध थे।
लोकतंत्र और समाजवाद दोनों में मेल बैठाने के पक्ष में थे।
समाजवाद में सामाजिक न्याय पर उनका विशेष बल था।
मैं उन दिनों जनसंघ में था और इस दल का प्रमुख कार्यकर्ता था।
वे जनसंघ के प्रखर राष्ट्रवाद को पसंद करते थे,लेकिन इस बात पर बल देते थे कि प्रखर राष्ट्रवाद के साथ अगर सामाजिक न्याय नहीं जोड़ गया तो राष्ट्रवाद रुमानी रहेगा,उसमें शक्ति पैदा नहीं होगी।
हम भी इस दिशामें काम कर रहे हैं।..............।’’
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9 अक्तूबर 23
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