बुधवार, 7 अगस्त 2024


कुल आबादी के करीब 2 प्रतिशत लोग ही 
इस देश में आय कर देते हैं।
क्या इतने ही लोगों की वास्तविक 
आय कर के योग्य है ?
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सुरेंद्र किशोर
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आंतरिक सुरक्षा को लेकर इस देश के समक्ष
9 प्रमुख चुनौतियां हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व डी.जी.पी.प्रकाश सिंह का लेख 4 जुलाई 24 के इंडियन एक्सप्रेस में छपा है।
उसमें उन्होंने आंतरिक चुनौतियों की चर्चा की है।ं  
बाहरी चुनौतियां कैसी हैं,उसकी झलक बांग्ला देश की ताजा घटनाएं हमेें भी दिखा-बता रही हंै।चेता भी रही हैं,यदि हम चेतना चाहें तो।
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सभी तरह की चुनौतियों के मुकाबले के लिए सरकारों के पास पर्याप्त धन चाहिए।साथ ही, उस धन को हैंडिल करने वाले ईमानदार हाथ भी चाहिए।
इस देश के अधिकतर लोग जब तक कर वंचना करते रहेंगे तो धन कहां से आएगा ?
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करीब दो साल पहले मैंने अपनी कुछ जमीन बेची।
 पत्रकार को मिलने वाली पेंशन राशि नाम मात्र(मुझे 1231 रुपए की राशि हर माह पी.एफ.पेंशन के रूप में मिलती है।) 
की होती है,इसलिए मुझे वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी।
जमीन बिक्री से मिले पैसों से मैंने एफ.डी.करवाई।
ताकि, रोज-ब-रोज के जरूरी खर्चे के लिए मुझे किसी के समक्ष हाथ नहीं पसारना पड़े।
पर,इसके साथ ही एक असामान्य बात भी हुई।(हालांकि मेरे लिए वह असामान्य नहीं थी।)
 जमीन के खरीदार से मैंने पूरे पैसे व्हाइट में लिये यानी बैंक खाते के जरिए।
उस पर पूरा आयकर भी दिया।ऐसा मैंने अपने कुछ शुभचिंतको की ‘‘नेक सलाह’’ को नजरअंदाज करके किया।
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यह बात मैंने यहां इसलिए लिखी ताकि मैं जब किसी से यह कहंू कि पूरा टैक्स भुगतान करिए तो मुझमें वैसा कहने का नैतिक बल भी हो।
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केंद्र सरकार के कुल कर राजस्व का 27 प्रतिशत हिस्सा आयकर से मिलता है।
सन 2013-14 वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार को विभिन्न करों से जितने पैसे मिले थे,उसकी अपेक्षा आज तिगुनी राशि मिल रही है।
  क्योंकि भ्रष्टाचार थोड़ा कम हुआ है।
  थोड़ा ही कम ही हुआ है।
भ्रष्टाचार खत्म नहीं हुआ है।
  यदि कुछ और कम हो जाएगा तो सरकार के पास और भी अधिक धनराशि आएगी।
उससे न सिर्फ देश का सर्वांगीण विकास होगा बल्कि आंतरिक और बाह्य खतरों से मुकाबला करने के लिए सरकार के पास पर्याप्त मानव संसाधन और जरूरी हथियार उपलब्ध होंगे।
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इसलिए जो लोग अपनी आगे की पीढ़ियों के लिए भी इस देश को सुरक्षित स्थान बनाये रखने की कामना करते हैं,कम से कम वे लोग तो टैक्स चोरी के लोभ पर काबू पाएं।
अन्यथा आगे भारी खतरा है।खतरनाक मोड़ हैं।
यदि अधिक विस्तार से लिखूंगा तो मेरा फेसबुक एकाउंट बन्द हो सकता है।पहले ही चेतावनी मिल चुकी है।
इसलिए थोड़ा कहना,पर,अधिक समझना !!
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7 अगस्त 24 ं 

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