‘‘अग्रतः सकल शास्त्रं पृष्ठतः सशरं धनुः’’
भगवान परशुराम की यह उक्ति बिहार
परीक्षा बोर्ड के प्रमाण पत्र पर ?!
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सुरेंद्र किशोर
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अग्रतः सकल शास्त्रं पृष्ठतः सशरं धनुः
यह उक्ति भगवान परशुराम की है।
किंतु इसे ही ंबिहार विद्यालय परीक्षा समिति
का ध्येय घोष क्यों बनाया गया ?
कब बनाया गया ,यह मुझे नहीं मालूम।
किंतु सन 1963 के मेरे प्रमाण पत्र में तो था।
अब है या नहीं, वह भी मुझे नहीं मालूम।
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विद्यार्थियों को इसके जरिए कैसा संदेश दिया गया ?
जाहिर है कि वही संदेश जो भगवान परशुराम का था।
माना गया कि उससे देश व समाज मजबूत होगा।
उसकी पूरी रक्षा हो पाएगी।
क्या आज ऐसा हो रहा है ?
देश के नौजवानों को आत्म रक्षा के लिए कितना
तैयार किया जा रहा है ?
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मैंने बोर्ड परीक्षा के संबंधित प्रमाण पत्र की स्कैन काॅपी
इस पोस्ट के साथ पेश की है।
पता नहीं, कि इसके खिलाफ किसी तथाकथित सेक्युलर तत्व ने कभी आवाज उठाई थी या नहीं !!
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12 अगस्त 24
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