मैं एक ऐसी मांग कर रहा हूं
जो पूरी नहीं होने वाली
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मांग
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बैंक लोन-बिजली -पानी फ्री करने की जगह देश भर
के सरकारी दफ्तरों को ‘‘रिश्वत-फ्री’’ करो
(अपवाद के तौर पर कुछ दफ्तरों में,कुछ
ही दफ्तरों में अब भी घूस नहींे ली जाती)
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पर,इसके लिए सांसद-विधायक फंड
को पहले बंद करना होगा
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यदि ऐसा हुआ तो आम जनता अधिक खुश
होगी और जो ऐसा करेगा ,उसके वोट बढ़ेंगे
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सुरेंद्र किशोर
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बैंक लोन-बिजली-पानी फ्री करने की जगह
सरकारी आॅफिसेज को ‘‘रिश्वत-फ्री’’ करो
कहोगे कि यह कैसे होगा ?
बड़ा मुश्किल काम है।
कोई मुश्मिकल नहीं।
जिससे रिश्वत ली जाती है,उसे बहुधा परेशान
और अपमानित भी किया जाता है।
यानी,रिश्वत बंद माने अपमान-परेशानी भी बंद
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मंत्री और आफिसर मलाईदार पदों पर अफसरों की
पोस्टिंग फ्री मंे करे।
(हालांकि कुछ मामलों मंे अब भी फ्री होती है पोस्ट्रिग)
अंचल तथा अन्य कार्यालयों की ऊपरी आय से नेतागण कट-मनी न लें।
इसके बावजूद यदि रिश्वतखो री हो तो राज्य और केंद्र सरकार अपने -अपने यहां एक ‘‘स्टिंग आपरेशन विभाग’’ स्थापित करें।उनमें कुछ निजी तो कुछ गैर पेशेवर सरकारी सेवक हों।
आज तो आम तौर पर रिश्वतखोर जब मीडिया या अन्य के प्रायवेट स्टिंग आॅपरेशन में पकड़ाते हैं तो सजा से नहीं बचते।ं
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भारतीय संसद ने सन 2005 में कोबरापोस्ट.काॅम(चैनल -आजतक) के ‘‘आॅपरेशन दुर्योधन’’ में रिश्वत लेेते उजागर लोक सभा के 10 सांसदों और राज्य सभा के एक सदस्य को बरखास्त करके इतिहास रच दिया था।
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8 अगस्त 24
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