कृतज्ञता एक विरल गुण
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कई दशक पहले की बात है।
यह कहानी सच्ची है।
एक लोक सभा सदस्य ने अपने चुनाव क्षेत्र
के एक बड़े गांव के एक दबंग परिवार के चार
बेरोजगारों को
बारी -बारी से नौकरी दिलवा दी।
पर,सांसद महोदय उस परिवार के पांचवें सदस्य
को नौकरी नहीं दिलवा सके।
हालांकि कोशिश में लगे हुए थे।
इस बीच चुनाव आ गया।
कोशिश में देरी के कारण तब तक वह दबंग परिवार सांसद महोदय पर सख्त नाराज हो चुका था।
नतीतजन नाराजगी में उस दबंग परिवार ने सासंद के खिलाफ ऐसा चुनाव अभियान चलाया कि थोड़े मतों से सांसद महोदय हार गए।
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यह बात अन्य क्षेत्रों में भी कमोवेश लागू होती है।
अत्यंत थोड़े से अपवादों की बात और है।
यानी,कृतज्ञता आज उसी तरह एक विरल गुण है जिस तरह आर्थिक मामलों में ईमानदारी का गुण।
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--सुरेंद्र किशोर-
24-2 -2021
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