गुरुवार, 4 फ़रवरी 2021

     कहां थी मुम्बई की स्काॅटलैंड मार्का पुलिस ??

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केंद्र सरकार के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के दस्ते इन दिनों मुम्बई में प्रभावशाली लोगों को गिरफ्तार कर रहे हैं।

सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद ब्यूरो ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हंै।

 अब देश के लोगों को भी यह पता चल रहा है कि महाराष्ट्र के सत्ताधारी दलों से जुड़े कई लोगों पर ड्रग्स के व्यापार का आरोप रहा हैं।

   यदि अन्य दलों से जुड़े लोगों पर भी है तो उन्हें भी पकड़ा जाना चाहिए।

  उन्हें मुम्बई पुलिस पकड़े,यदि उनके खिलाफ एन.सी.बी.कुछ नहीं कर रही है।

  इससे पहले मुम्बई पुलिस के बारे में उद्धव सरकार कह रही थी कि वह तो स्कार्टलैंड यार्ड पुलिस की तरह ही कार्य कुशल है।

 लोग अब समझ रहे हैं कि मुम्बई पुलिस ने सुशांत की मौत से पहले तक ड्रग्स के किसी कारोबारी पर शायद ही हाथ डाले थे !

  वोहरा कमेटी की रपट (1993)में ड्रग्स के सौदागरों की ताकत व संरक्षण का विवरण मौजूद है।

  वैसे मुम्बई पुलिस की कार्यकुशलता का पता तभी चल गया था कि जब उसने सुशांत और दिशा सालियान की मौत की जांच के सिलसिले में जान बूझकर आपराधिक लापरवाही बरती।

किन हस्तियों के इशारे पर ???

शायद आने वाले दिनों में कभी उसका भी खुलासा हो जाए !

हां, अब मुम्बई पुलिस अर्नब गोस्वामी के खिलाफ कार्रवाई में जरूर अपनी ‘‘कार्य कुशलता’’ का भरपूर इस्तेमाल कर रही है।

जिन पर भी केस बने,उनके खिलाफ कार्रवाई करे।

पर यदि वह सभी तरफ नजर रखेगी तो उस पर कोई आरोप नहीं लगाएगा। 

कितना अच्छा होता यदि मुम्बई पुलिस और एन.सी.बी.के अफसर एक गुप्त बैठक करके तय करते कि हम दिल्ली के सत्ताधारियों से जुड़े स्थानीय लोगों पर कार्रवाई करते हैं आप महाराष्ट्र सरकार सेजुड़े कानून तोड़कों पर कार्रवाई करते हैं।ऐसा हुआ तो दाऊद के राजनीतिक-गैर राजनीतिक गुर्गे सचमुच कमजोर होंगे।

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  --सुरेंद्र किशोर-3 फरवरी 21


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