पटना की बाॅबी की मौत (1983)पर फिल्म
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--सुरेंद्र किशोर--
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दैनिक ‘आज’ के डा.लक्ष्मीकांत सजल ने जानकारी दी है कि बिहार की ‘बाॅबी’ पर फिल्म बन रही है।
यह मेरे और पत्रकार परशुराम शर्मा के लिए संतोष की बात है।
जिस बाॅबी की मौत की स्टोरी को हम दोनों ब्रेक की थी और उस पर फिल्म बन जाए तो संतोष की बात तो होनी ही चाहिए।
उस स्टोरी के लिए ‘आज’ प्रबंधन ने मुझे पुरस्कार भी दिया था।
सन 1983 में दैनिक ‘आज’ में मैं मुख्य संवाददाता की भूमिका में था।
मैंने दैनिक ‘प्रदीप’ के संवाददाता परशुराम शर्मा के साथ मिलकर स्टोरी की।
इस खबर को छापने में खतरा था।
क्योंकि बाॅबी की मौत के संबंध में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई थी।
पटना के कई अन्य संवाददाताओं को भी उस मौत की सूचना थी।
पर, वे लोग ‘‘जिम्मेदार’’ संवाददाता थे।
प्राथमिकी के बिना खबर देना उनलोगों ने ठीक नहीं समझा।
पर, हमने रिस्क लिया।
फिर तो पुलिस सक्रिय हो गई।
आखिर क्यों न हो !
तब पटना के एस.एस.पी. किशोर कुणाल जैसे कत्र्तव्यनिष्ठ अफसर थे।
तब डी.एम.थे राजकुमार सिंह।
वह अभी केंद्रीय मंत्री हैं।
आर.के.सिंह भी कत्र्तव्यनिष्ठ अफसर थे।
किसी के गलत प्रभाव
में नहीं आते थे।
पटना पुलिस ने दैनिक ‘आज’ और ‘प्रदीप’ की तत्संबंधी खबरों की चर्चा करते
हुए प्राथमिकी दर्ज की थी।
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फिल्म तो बन रही है।
ठीक ही है।
पर,उम्मीद की जानी चाहिए कि स्टोरी के साथ न्याय होगा।
यदि फिल्मकार का रिसर्च अच्छा होगा तो फिल्म भी अच्छी ही बनेगी ही।
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19 अक्तूबर 21
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