शाहरूख बनाम जावेद अख्तर
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नई और पुरानी पीढ़ी का फर्क
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--सुरेंद्र किशोर--
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पिछले साल दैनिक ‘आज’ में छपी खबर का शीर्षक है--
‘‘मेरी बेटी ड्रग्स लेती है तो मैं
उसे मना करूंगा--जावेद अख्तर
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पर,ऐसे ही मुद्दे पर शाहरूख खान की क्या राय रही है,वह सब लोगबाग जान चुके हैं।
वह सब यदि मैं यहां लिखूं तो इस पोस्ट की शालीनता से समझौता करूंगा।
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लेकिन लगता है कि जिसके पास अपार दौलत है और उससे भी अधिक लोकप्रियता है ,वह सोचता है कि वह कुछ भी बोल और कर सकता है।
क्योंकि वह मनुष्य नहीं बल्कि अवतार है,उसका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता।
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13 अक्तूबर 21
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