ईश्वर ने यह शरीर सौ साल के लिए बनाया
शराब पीकर अपनी आयु आधी क्यों कर रहे हो ?
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पत्नी व बच्चों को अनाथ व बिलखता छोड़कर
क्यों चले जाना चाहते हो ?
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---सुरेंद्र किशोर--
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महात्मा गांधी के आह्वान पर कांग्रेसियों ने सन 1921 में शराब,गांजा आदि की दुकानों पर धरना दिया और वे जेल गए।
गांधी जी मानते थे कि
‘‘आबकारी से प्राप्त राजस्व पाप की आमदनी है।’’
डा.राजेंद्र प्रसाद के अनुसार, अंत -अंत तक गांधी जी अपने इस विचार पर कायम रहे।
पर कांग्रेसियों ने बिहार में जगलाल चैधरी को सन 1952 में मंत्री बनाने से इनकार कर दिया क्योंकि जब वे उससे मंत्री थे तो नशाबंदी लागू कर दी थी।
जबकि नशाबंदी की आय से ही उनके परिवार ने जगलाल चैधरी को मेडिकल पढ़ाने के लिए कलकत्ता भेजा था।
चैधरी जी ने जनहित में न तो
अपने परिवार की आय का ध्यान रखा और न ही अपनी जाति पासी की आय का।
देश का नेता हो तो ऐसा !
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आजादी के तत्काल बाद से ही सत्ताधारी कांग्रेसियों ने गांधी की इस बात का भी उलंघन करना शुरू कर दिया था।
तब के शीर्ष सत्तासीनों ने कहा था कि आबकारी राजस्व के बंद होने से शिक्षा व विकास जैसे जनोपयोगी काम रुक जाएंगे।
उस पर गांधी ने कहा कि ‘‘पाठशालाओें को बंद कर देना पड़े तो उसे मैं सहन कर लूंगा।
पर, पैसे के लिए कुछ लोगों को पागल बनाने की नीति एकदम गलत है।’’
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गांधी जी को इस बात का दुख था कि सन 1921 में नशाबंदी के लिए जेल जाने वाले कांग्रेसी सत्ता पाने के बाद अब कहते हैं कि नशाबंदी मौलिक अधिकारों का हनन है।
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2016 से लागू शराबबंदी के बाद बिहार में फर्क आया।
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राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार 2015-16 और 2019-20 के बीच बिहार में एक करोड़ लोगों ने शराब पीना छोड़ दिया।
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बिहार के एक पिता ने अपने पुत्र के बारे में बताया--
‘‘मेरा बेटा अपने अमीर मित्रों के साथ उनके खर्चे से शराब पी रहा था।
अब चूंकि कड़ाई हो गई और काले बाजार में शराब महंगी भी हो गई।इसलिए अब अमीर मित्र अपने गरीब मित्र को मुफ्त में शराब नहीं पिला रहा है।
इस तरह मेरा बेटा आदतन शराबी बनने से बच गया।’’
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कुछ शराबियों का तर्क है कि मशहूर लेखक-पत्रकार खुशवंत सिंह तो रोज शराब पीकर भी सौ साल जीए।
अरे भई,अपवाद नियम नहीं बन सकता।
मैं पटना के ही कई पत्रकारों को जानता हूं जो शराब-सिगरेट के कारण आधी उम्र में ही परिवार को बिलखता छोड़कर ऊपर
चले गए।
इस देश के कई तेजस्वी व जनाधार वाले नेता अपनी किडनी-लीवर डैमेज करके अपने प्रशंसकों व अनुयायियों को
निराश कर दिया।
कुछ ऊपर चले गए,कुछ अन्य रास्ते में हैं।
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27 नवंबर 21
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