शनिवार, 6 नवंबर 2021

 पुनरावलोकन

..................................    

हस्तियों के आॅटोग्राफ्स

     ...........................

      --सुरेंद्र किशोर-

    ................................

किसी हस्ती का आॅटोग्राफ लेने की आम तौर से 

एक उम्र होती है।

  मैं भी जब उस उम्र में था तो मैंने समाजवादी नेता राज नारायण से लेकर आचार्य रजनीश और अशोक मेहता से लेकर मणिराम बागड़ी तक के आॅटोग्राफ लिए थे।

 (अब आप पूछ सकते हैं कि आपने बागड़ी साहब से क्यों लिया।

आॅटोग्राफ लेने से पहले मैंने सम्मेलन मंच से उनका जोरदार भाषण सुना था।

मैं तब तक उन्हें जानता नहीं था।

    पंडाल में पास बैठे एक बुजुर्ग समाजवादी से मैंने पूछा,

‘‘ये कौन हैं ?’’

वे बोले --‘‘इनको नहीं जानते ?’’

मानो इनको जानना समाजवादियों के लिए जरूरी हो !

मैंने जब नहीं कहा तो उन्होंने मुस्कान के साथ बताया कि ‘‘ये वही नेता हैं जो पानी से बिजली निकालते रहते हैं।’’

 बाद में पता चला।

 बुजुर्ग की बात की पृष्ठभूमि है।

वे हरियाणा के थे।

2012 में उनका निधन हुआ।

हिसार से वे तीन बार लोक सभा के सदस्य चुने गए थे।

वहां खेतों में पानी तो पहले ही कांग्रेस सरकार पहुंचा चुकी थी।

  फिर वे उसकी आलोचना कैसे करते ?

इसलिए वे अपनी सभाओं में कहा करते थे,

‘‘ऐ किसानो, तुम्हारे खेतों में जो सरकार पानी पहुंचाती है,उसकी बिजली यानी तेज तो वह पहले ही उससे निकाल लेती है।’’)

  अब भला ऐसे नेता का ,जो जीवन भर समाजवादी व ईमानदार रहे हों, मैं कैसे आॅटोग्राफ नहीं लेता !       

   .............................

मेरे आॅटोग्राफ बुक में साठ के दशक में आचार्य रजनीश ने अपने आॅटोग्राफ से पहले लिखा था--

‘रजनीश के प्रणाम !’

  उन दिनों तक वे ओशो नहीं बने थे।

(किसी ने मुझे बताया कि चूंकि महात्मा गांधी किसी के आॅटोग्राफ बुक में ‘बापू के आशीर्वाद’ लिखते थे,

इसलिए रजनीश उनसे अलग दिखने के लिए उससे उल्टा लिख देते थे।)

सन 1967 में मैंने संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के गया (बिहार)में संपन्न राष्ट्रीय सम्मेलन में अनेक नेताओं के आॅटोग्राफ लिए।

उनमें ‘अदमनीय’ राज नारायण ने जो कुछ लिख दिया,उसका निहितार्थ  मैं न तो तब समझ सका था और न आज तक समझ पाया हूं।

 यदि आप समझते हों तो जरूर बताइएगा।

उन्होंने लिखा,

‘‘नारी एक पुरुष दुइ जाया,बूझें पंडित ज्ञानी।

पाहन फोर गंग एक निकली,चहुंदिशि पानी पानी।।

............................ 

6 नवंबर 21


कोई टिप्पणी नहीं: