आज के दैनिक अखबार ‘नया इंडिया’ में प्रकाशित
हरिशंकर व्यास के ‘‘पंडित’ का जिन्दगीनामा’’
काॅलम से
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‘‘.........प्रभाष जोशी ने जनसत्ता के स्टाफ सेलेक्सन का
काम मुझ पर छोड़ा।
.......मेरी राजेंद्र माथुर से होड़ हुई।
राजेंद्र माथुर भी नवभारत टाइम्स में भर्ती के लिए अच्छे पत्रकारों को तलाश रहे थे।
मैं पटना के सुरेंद्र किशोर को नई दुनिया (इन्दौर )
में लिखते रहने के कारण जानता था।
मैंने ‘जनसत्ता’ के लिए उससे संपर्क किया
तो मालूम पड़ा कि राजेंद्र माथुर उसे पटना संवाददाता बनाना चाह रहे हैं।
मैंने उसे जनसत्ता का मतलब समझाया,पटाया और जनसत्ता ज्वाइन कराया।
ध्यान रहे कि सुरेंद्र किशोर घोर समाजवादी ,जार्ज फर्नांडिस के बड़ौदा डायनामाइट के साथी थे।
लेकिन नईदुनिया में सुरेंद्र किशोर की पटना रिपोर्ट देख मैं उससे प्रभावित था तो मैंने जनसत्ता में लेने की ठानी।.........।’’
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9 नवंबर 21
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