अजित पवार,अनिल देशमुख और आर्यन के समर्थको,
रोने-गाने के बदले डा.सुब्रह्मण्यम स्वामी का
अनुसरण क्यों नहीं करते ? !!
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--सुरेंद्र किशोर--
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महाराष्ट्र के सत्ताधारी महा विकास अघाड़ी के एक नेता ने सवाल किया है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां भाजपा नेताओं पर कार्रवाई क्यों नहीं करतीं ?
दूसरे अघाड़ी नेता ने कहा था कि जिसके घर शीशे के होते हैं,वे दूसरों पर पत्थर नहीं फेंका करते।
यानी,वहां के जिन नेताओं व अन्य मशहूर हस्तियों पर कार्रवाई हो रही है,उनके बचाव में उन्हें कुछ नहीं कहना।
यानी,उन पर जो आरोप हैं,उनको वे परोक्ष रूप से स्वीकार कर रहे हैं।
उनकी मांग है कि भाजपा नेताओं पर भी कार्रवाई हो।
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यदि सचमुच उन पर गंभीर आरोप हैं तो मैं उन भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के उपाय अघाड़ी नेताओं को बताता हूं।
कांग्रेसी शासन काल में जब कांग्रेस सरकार अपने दल व गठबंधन के भ्रष्ट नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही थी तो डा.सुब्रह्मण्यम स्वामी ने एक रास्ता बनाया।
डा.स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट से यह आॅर्डर पारित करवाया कि कोई निजी व्यक्ति भी भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी से बड़ी हस्ती मुकदमा दायर कर सकता है।
डा.स्वामी ने इस आदेश का लाभ उठा कर कुछ बड़ी हस्तियों को सजा दिलवाई थी।
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महाराष्ट्र के सत्ताधारी गठबंधन के
पीड़ित नेता डा.स्वामी से विचार -विमर्श करके या यूं ही भाजपा नेताओं के खिलाफ कोर्ट में क्यों नहीं जाते ,यदि किसी भाजपा नेता ने सार्वजनिक धन की लूट की है तो ?
डा.स्वामी भी आजकल नरेंद्र मोदी सरकार पर खुश नहीं हैं।
वे अघाड़ी की मदद कर ही सकते हैं।
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पर,मैं जानता हूं कि भाजपा नेताओं के खिलाफ कोई राजग -विरोधी नेता कोर्ट नहीं जाएगा।
क्योंकि अघाड़ी नेता तो सिर्फ यही चाहते हैं कि तुम हमारे खिलाफ कार्रवाई मत करो और हम तुम्हारे खिलाफ नहीं करेंगे।
यानी हम दोनों मिलकर देश को लूटें।
जब देश पूरी तरह बर्बाद हो जाए तो हम विदेश भाग चलें जिस तरह परमवीर सिंह बेल्जियम भाग गया।
यहां मैं यह नहीं कह रहा हूं कि भाजपा नेताओं पर अजित पवार व अनिल देशमुख जैसे आरोप हैं या नहीं हैं।
यदि आरोप है तो उन्हें क्यों बख्श रह हो भाई ?
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3 नवंबर 21
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