‘राष्ट्रपति को रबर स्टांप बना देना
चाहते थे राजीव गांधी’
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ज्ञानी जैल सिंह ने कहा था कि प्रधान मंत्री राजीव गांधी को बरखास्त करने का मेरा कोई इरादा नहीं था
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सुरेंद्र किशोर
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‘‘प्रधान मंत्री राजीव गांधी सरकार ने राष्ट्रपति पद को रबर स्टांप की तरह इस्तेमाल करना चाहा था।’’
यह बात खुद पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह ने कही थी।
यह सब उस पुस्तक में दर्ज है जो जैल सिंह के जीवन पर
मनोहर सिंह बत्रा ने लिखी है।
ज्ञानी जैल सिंह के अनुसार ‘‘राजीव सरकार के कुछ मंत्री तो राष्ट्रपति (यानी जैल सिंह )को नीचा दिखाने के लिए षड्यंत्र रचने और व्यंग्य वाण छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे।’’
बत्रा की पुस्तक के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति जैल सिंह ने कहा कि ‘‘राजीव गांधी के प्रधान मंत्री बनने के तीन-चार दिनों के भीतर ही उनसे मतभेद पैदा होने लगे थे।
मैं राजीव गांधी से मिलना चाहता था।
लेकिन मुझे महसूस हुआ कि उन्होंने मेरी उपेक्षा करनी शुरू कर दी।
एक समारोह में मैंने राजीव गांधी से कहा कि मुझे आपसे कुछ जरूरी बातें करनी हैं।
इस पर श्री गांधी ने कहा कि मैं निश्चित रूप से अरुण सिंह या अरुण नेहरू को आपके पास भेजूंगा।’’
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