वंशवादी-परिवारवादी दल का हश्र
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यदि किसी वंशवादी -परिवारवादी राजनीतिक दल का उत्तराधिकारी
अदूरदर्शी हो,अयोग्य हो और सत्तालोलुप हो,तो उस दल का वही हश्र होता है जो शिवसंेना का हो रहा है।
ऐसे अन्य दलों का भी देर -सबेर यही हश्र होना है जिन दलों के उत्तराधिकारी योग्य नहीं हैं।
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याद रहे कि उद्धव ठाकरे ने मुख्य मंत्री पद के लिए बाल ठाकरे की राजनीति की मूल स्थापनाओं को भी तिलांजलि दे दी है।
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सुरेंद्र किशोर
22 जून 22
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