सावधानी हटी,दुर्घटना घटी !
सोशल मीडिया के इस्तेमाल में सावधानी बरतें
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सुरेंद्र किशोर
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कुछ लोग मेरे फेसबुक वाॅल पर ऐसी-ऐसी बातें लिख मारते है,ं किसी के खिलाफ ऐसे -ऐसे आरोप लगा देते हैं,जिन आरोपों की पुष्टि के लिए उनके पास कोई सबूत नहीं हेाता।
भले आपके आरोप सही हों,किंतु जब पीड़ित व्यक्ति आप पर ,साथ -साथ मुझ पर भी मानहानि का मुकदमा करेगा तो कोर्ट में उन आरोपों को आप साबित नहीं कर पाएंगे।
फिर क्या होगा ?
आप भी फसेंगे और मैं भी फंसंूगा,वह भी नाहक।
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इसलिए कुछ भी आरोप लगा देने से पहले यह मान लें कि आप पर केस भी हो सकता है।
99 प्रतिशत पीड़ित लोग केस नहीं करते।
किंतु एक व्यक्ति ने भी केस कर दिया,तो उसका नतीजा भुगतना पड़ेगा।
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जिन लोगों ने कोई केस नहीं भुगता है,वैसे ही लोग बिना सबूत के आरोप लिखते रहते हैं।
याद रखिए।
कोर्ट और अस्पताल के चकर में पैसे भी खर्च होते हैं और थकावट भी बहुत होती है।
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सोशल मीडिया मुफ्त का मंच है तो उसका सदुपयोग कीजिए।
अन्यथा, फेर में पड़िएगा तो बाद में आपको सोशल मीडिया की ओर झांकने की इच्छा भी नहीं रह जाएगी।़
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कुछ लोग व्यक्तिगत बातचीत को भी सोशल मीडिया पर डाल देते हैं।
जरूर डालिए।
किंतु जिन्हें आप उधृत कर रहे हैं,उससे पहले अनुमति ले लीजिए ।
अन्यथा, अगली बार से आपसे वह व्यक्ति कोई बातचीत करना नहीं चाहेगा।
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10 जून 22
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