डा.राममनोहर लोहिया ने कहा था,‘‘
‘‘संसोपा ने बांधी गांठ ,पिछड़े पावें सौ में साठ।’’
लोहिया जी सभी जातियों -संप्रदायों की महिलाओं को भी पिछड़ा ही मानते थे।
यानी ,उनका आशय यह था कि साठ प्रतिशत में महिलाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए।
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यदि कोई व्यक्ति पिछड़ा आरक्षण के संदर्भ में लोहिया को उधृत करता है तो वह लोहिया की उपर्युक्त बातों को ध्यान में रखकर ही करे।
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सुरेंद्र किशोर
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पुनश्चः,
बिहार में जाति आधारित गणना करने का निर्णय हुआ है।
इस संदर्भ में देश भर में तरह -तरह की चर्चाएं हो रही हैं।
एक टी.वी.चैनल पर मैंने वैसी ही एक चर्चा सुनी।
उसमें एंकर साहब लोहिया को गलत ढंग से उधृत कर रहे थे।
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7 जून 22
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