दूज के चांद की तरह बढ़ता ‘रेट’ !!!
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सुरंेद्र किशोर
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कई दशक पहले की बात है।
दाऊद इब्राहिम का एक खास आदमी 75 लाख रुपए लेकर राज्य सभा की सीट खरीदने के लिए पटना आया था।
नब्बे के दशक में जब उस व्यक्ति का निधन हुआ तो पता चला कि उसने दाऊद की मदद से दिल्ली में 2500 करोड़ रुपए की अवैध सम्पत्ति बनाई थी।
खैर, इन रुपए से यानी 75 लाख रुपए से एक राज्य सभा और एक विधान परिषद की सीट खरीदनी थी।
विधान परिषद की सीट एक बिहारी नेता के लिए थी।
वह उस महा दलाल का स्थानीय दलाल था।
उन दिनों ‘रेट’ यही था।
अब तो ‘रेट’ दूज की चांद की तरह बढ़ता जा रहा है।
हालांकि बता दूं कि इन सदनों की सारी सीटें न तो तब बिका करती थीं और न ही आज।
हालांकि सीट के एवज में जो पैसे लिए जाते हैं ,उसे पार्टी फंड में मिला चंदा कहा जाता है।
तब दिल्ली के राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में दाऊद के लिए सक्रिय वह महा दलाल पटना के फ्रेजर रोड के एक बड़े होटल में ठहरा था।
सब कुछ पहले से तय था।
स्थानीय दलाल ने किसी हस्ती से बात तय करा दी थी।
यह काम गुपचुप हो जाना था।
पर खुफिया एजेंसी पहले से सक्रिय थी।
संभव है कि उस महा दलाल की गतिविधियों पर लगातार नजर रखी जाती होगी !!
दिल्ली से पटना तक उस उस महा दलाल के नाम पर सनसनी फैल गई थी।
संबंधित ‘टिकट दाता’ दल के कर्ताधर्ता भी डर गए।
भारी बदनामी का डर था।
75 लाख रुपए ‘सीट बिक्रेता’ को दिए जा चुके थे।
फिर भी नेता ने उसे उम्मीदवार बनाने से अंतिम समय में इनकार कर दिया।
पकड़ मं आने के डर से वह महा दलाल दिल्ली भाग गया।
उसका पैसा डूब गया।
पर, उस महा दलाल के स्थानीय दलाल को बिहार विधान परिषद की सीट मिल गई थी या नहीं ,यह बताना यहां जरूरी नहीं है।
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31 मई 22
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