मंगलवार, 28 फ़रवरी 2023

 अति सर्वत्र वर्जयेत्

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सुरेंद्र किशोर

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अनुभवी लोग बताते हैं कि भूख से थोड़ा कम ही

भोजन करना चाहिए।

लेकिन अपने यहां समय-समय पर अति भोजन की 

प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।

  गत महीने अधिकाधिक मछली खाने की प्रतियोगिता

 कराई गई।

एक साथ तीन किलोग्राम मछली खाने में सफल हुए 

मदन कुमार को 10 हजार रुपए का इनाम मिला।

इसी तरह कभी आम खाने की प्रतियोगिता होती है 

तो कभी दही खाने की।

इनाम के लोभ में कई लोग अधिक खाने का 

अभ्यास करते रहते हैं।

 क्या कभी इस बात का सर्वेक्षण हुआ है कि 

अति भोजन का उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर 

कैसा असर पड़ता है ?

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साप्ताहिक ‘कानोंकान’

प्रभात खबर,

पटना--27 फरवरी 23

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पुनश्चः

किसी ने चाणक्य से पूछा था,

‘‘जहर क्या है ?’’

चाणक्य ने कहा,

‘‘हर वो चीज जो जिन्दगी में 

आवश्यकता से अधिक होती हैं

वही जहर है।

फिर चाहे वो ताकत हो,धन हो,भूख हो,

लालच हो,

अभिमान हो,आलस हो,

महत्वाकांक्षा हो,

प्रेम हो या घृणा।

आवश्यकता से अधिक जहर ही है।’

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