मंगलवार, 28 फ़रवरी 2023

 भ्रष्टाचार के सवाल पर सिर्फ दस साल में ही 

पूरी तरह पलटी मार दी आम आदमी पार्टी ने

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सुरेंद्र किशोर

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सन 2013 की जनवरी में मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा 

था कि ‘‘भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए 

अपनी पूरी जिंन्दगी दांव पर लगा दूंगा।’’

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दस ही साल के बाद यानी सन 2023 में आम आदमी पार्टी 

भ्रष्टाचार को लेकर क्या कर रही है ?

जेल में महीनों से बंद अपने मंत्री सत्येंद्र जैन और आज 

गिरफ्तार हुए उप मुख्य मंत्री मनीष सिसोदिया के बचाव में 

जान की बाजी लगाकर वह आंदोलन रही है।

दोनों पर भ्रष्टाचार के गंम्भीर आरोप हैं।

‘आप’को अदालत पर भी भरोसा नहीं है।इसलिए 

वह सड़कों पर है।

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पिछले कुछ दशकों से अपने देश में यत्र तत्र सर्वत्र यह सब बेशर्मी पूर्वक होता आ रहा है।

हर बार जनता ठगी जाती है।

नेतागण, भ्रष्टाचार के खिलाफ पहले आंदोलन करते हंै।

उनसे खुश होकर और अपने लिए कुछ उम्मीद करके जनता 

उन्हें सत्ता दिला देती है।

पर, सत्ता पाकर वे भी उसी धंधे में लग जाते हंै।

अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी भी अलग नहीं साबित हुई।

बल्कि यह जमात कुछ अधिक ही ‘‘.............’’ निकली-

शरद पवार की पार्टी की ही तरह।

सत्येंद्र जैन जेल में भी मंत्री बने हुए हंै।

केजरीवाल ने पहले ही घोषणा कर रखी है कि जेल 

जाने पर हम मनीष सिसोदिया से भी इस्तीफा नहीं लेंगे।

शरद पवार के मंत्री भी जेल में भी मंत्री बने हुए थे।

(सुप्रीम कोर्ट की नाक के नीचे यह अनर्थ हो रहा है।अदालत को 

अपनी पहल से यह देखना चाहिए कि जेल गए मंत्री अपने पद छोड़ दें।) 

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मुख्य मंत्री बनने के बाद की अरविंद केजरीवाल की एक उक्ति यहां पेश है--

‘‘भ्रष्ट क्रियाकलापों में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

फिर चाहे वह शीला दीक्षित हों ,भाजपा का कोई नेता हो या फिर हमारी अपनी ही  पार्टी का कोई सदस्य हो।’’

  अरविंद केजरीवाल ने कई साल बीत जाने के बाद भी पूर्व मुख्य मंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ कोई कार्रवाई न खुद की और न ही लोकहित याचिका के जरिए करवाई।

 नहीं की तो उसी से यह लग गया था कि दिल्ली के नए मुख्य मंत्री को भ्रष्टाचार से अब कोई परहेज नहीं है।

इसी तरह ममता बनर्जी ने बंाग्ला देशी घुसपैठियों का सवाल उठा कर वाम मोरचा को सत्ता से हटाया।अब उन्हंीं बांग्लादेशियों व मुस्लिम मतों के बल पर ममता सत्ता में हैं।ं

वह अब कहती हैं कि बांग्लादेशियों को यदि पश्चिम बंगाल से निकाला जाएगा तो खून की नदी बह जाएगी।

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ऐसे नेताओं की संख्या इस देश में बढ़ती ही जा रही है।

ऐसे में क्या इस स्थिति का लाभ एक दिन कोई क्रूर तानाशाह नहीं उठा लेगा ???

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27 फरवरी 23   


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