डा.लोहिया की जाति नीति पर रघु ठाकुर संपादित
पुस्तक ‘जाति प्रथा’ का 16 जुलाई को पटना में लोकार्पण
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उस ‘जाति नीति’ को सही ढंग से समझने के लिए
रघु ठाकुर संपादित पुस्तक श्रेष्ठ माध्यम
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सुरेंद्र किशोर
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सन 1962 में ही डा.राममनोहर लोहिया ने यह कह दिया था कि
औरतों को ऊंची जातियों में नहीं गिनना चाहिए।
यानी, डा.लोहिया ऊंची जातियों की औरतों को भी पिछड़ा ही मानते थे और उनके लिए भी विशेष अवसर का प्रावधान चाहते थे।
याद रहे कि डा.लोहिया ने विशेष अवसर का नारा दिया था।
वे कहते थे--‘‘पिछड़े पावें सौ में साठ।’’
उन्हीं के सिद्धांत को मानते हुए सन 1978 में तब के बिहार के मुख्य मंत्री कर्पूरी ठाकुर ने पिछड़ों के लिए 26 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था।
उसमें हर जाति की महिलाओं के लिए 3 प्रतिशत स्थान दिया गया था।
पर, सवर्णों की महिलाओं के लिए भी विशेष अवसर देने के हिमायती डा.लोहिया के बारे में कुछ लोगों ने यह बात फैलाई कि वे सवर्णों के खिलाफ थे।
हालांकि वह कुप्रचार बहुत चला नहीं।
यह संयोग नहीं था कि बारी -बारीे से लोहिया के जितने भी निजी सचिव रहे,लगभग सभी ब्राह्मण थे।
रघु ठाकुर ने राममनोहर लोहिया पर जिस पुस्तक को संपादित किया है,उससे डा.लोहिया के बारे में इस मुद्दे पर हुए कुप्रचार का खंडन होता है।
इस पुस्तक में एक अध्याय है जिसका शीर्षक है--‘‘विशेष अवसर क्यों ?’’
उसमें इस संबंध में लोहिया के भाषण को प्रकाशित किया गया है।
उसमें डा.लोहिया साफ-साफ कहते हैं कि
‘‘नीति के अनुसार औरतों को ऊंची जातियों में नहीं गिनना चाहिए।’’
प्रख्यात गांधीवादी ,समाजवादी चिंतक रघु ठाकुर देश में समता मूलक समाज की संरचना के लिए समर्पित हैं।
ठाकुर जी ने डा.लोहिया के विचारों को अपने जीवन में आत्मसात किया है।
इसलिए स्वाभाविक है कि रघु ठाकुर संपादित पुस्तक पर पूरा भरोसा
किया जाएगा।
मैं दशकों से रघु ठाकुर को जानता हूं।मैंने कभी उन्हें अपने विचारों से डिगते हुए न देखा और न सुना।
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14 जुलाई 23
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नोट-पुस्तक ‘‘जाति प्रथा’’ का लोकार्पण पटना के बोरिंग रोड स्थित गोल्डन फ्लेवर बेंक्वेट हाॅल में 16 जुलाई को पूर्वान्ह 11 बजे आयोजित समारोह में होगा।
प्रतीक्षा में --विश्वजीत दीपांकर
मो.-8603106371
6299924250
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