शुक्रवार, 21 जुलाई 2023

  सन 1967 में दक्षिण पटना में साढ़े नौ सौ 

एकड़ में स्थापित लोहिया नगर को अब कोई

 लोहिया नगर नहीं कहता

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   सुरेंद्र किशोर

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पटना स्थित लोहिया नगर पोस्ट आॅफिस का नाम बदल कर अब कंकड़बाग पोस्ट आॅफिस कर दिया जाना चाहिए।

   क्योंकि जिस मुहल्ले में लोहिया नगर के नाम से पोस्ट आॅफिस अवस्थित है,उस मुहल्ले को अब कोई लोहिया नगर नहीं बोलता,न ही लिखता है।

यदि कोई लिखता-बोलता हो तो हमें जरूर बताएं।ं

 सन 1967 में करीब साढ़े नौ सौ एकड़ जमीन में लोहिया नगर बसाया गया था।

तब की महामाया प्रसाद सिन्हा सरकार में कई लोहियावादी मंत्री थे।

कर्पूरी ठाकुर तो उप मुख्य मंत्री ही थे।कट्टर लोहियावादी भोला प्रसाद सिंह एल.एस.जी.मंत्री थे।

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केंद्र सरकार ने जो पोस्ट आॅफिस स्थापित किया,उसका नाम लोहिया नगर रख दिया।

पर,समय बीतने के साथ यहां के लोगों ने लोहिया नगर का नाम लेना छोड़ दिया।

 उस इलाके में होने वाले शादी-विवाह ,अन्य समारोह ,सरकारी -गैर सरकारी कार्यक्रमों के कार्ड पर लोहिया नगर मैंने नहीं देखा।

अब सवाल है कि जिस मुहल्ले के पोस्ट आॅफिस का नाम लोहिया नगर पोस्ट आॅफिस है,उस मुहल्ले को लोगबाग लोहिया नगर क्यों नहीं कहते ?

क्या लोहिया के नाम से इतना एतराज है ?

यहां तक कि उस मुहल्ले के विकास व निर्माण कार्यों का जो सरकारी टंेडर होता है,उसमें भी कंकड़बाग ही लिखा होता हैंइसलिए सिर्फ पोस्ट आॅफिस ही क्यों ?

यह स्थिति लोहिया की याद को चिढ़ाने वाली है।

यह तो डा.लोहिया का अपमान भी है।

इसलिए पोस्ट आॅफिस का नाम जल्द बदल दिया जाना चाहिए।

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21 जुलाई 23




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