भाड़े के 8 विमानों से पटना आए थे गरीब देश के अमीर नेता
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सुरेंद्र किशोर
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प्रतिपक्षी नेताओं को लेकर 22 और 23 जून को 8 चार्टर्ड विमान पटना आए थे।
चार्टर्ड विमानों यानी भाड़े के विमानों की बहुलता के कारण पटना हवाई अड्डे की पार्किंग फुल हो गयी थी।
जिस अनुपात में इस गरीब देश के अमीर नेतागण कहीं आने-जाने के लिए चार्टर्ड विमान का इस्तेमाल इन दिनों करने लगे हैं,उससे लगता है कि अब हर राज्य मुख्यालय के हवाई अड्डे के आकार को जल्द बढ़ाना पड़ेगा।
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याद रहे कि ये नेता वैसे गरीब देश भारत के हैं ,जहां की 80 करोड़ जनता को हर माह पांच किलो अनाज भारत सरकार अत्यंत कम दाम पर देती है।
देती क्या है,देने को बाध्य है।
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इस सिलसिले में कुछ दशक पहले की कहानी सुनाता हूं।
लोकदल नेता कर्पूरी ठाकुर बिहार के दो बार मुख्य मंत्री और एक बार उप मुख्य मंत्री रहे चुके थे।
अस्सी के दशक में पटना के सालिमपुर अहरा स्थित पार्टी आॅफिस में बैठे थे।
पीलू मोदी एक आराम कुर्सी पर पसरे हुए थे।
मैं भी वहां मौजूद था।
कर्पूरी ठाकुर ने बहुत ही विनयी भाव से पीलू मोदी से कहा,‘‘मोदी साहब,यदि आप बिहार पार्टी के लिए एक हेलीकाॅप्टर का प्रबंध कर दें तो हम विधान सभा की आधी सीटें जीत जाएंगे।’’
हंसोड़ स्वभाव के पीलू मोदी ने बिना देर किए कहा,‘‘मिस्टर कर्पूरी,दो की कर देता हूं।सारी सीटें जीत जाना।अरे भई, हेलीकाॅप्टर चुनाव नहीं जितवाया करता।’’
खैर,यह कहानी कहने का आशय यह है कि कर्पूरी जी जैसे ईमानदार नेता के लिए चुनाव प्रचार के लिए एक हेलीकाॅप्टर का प्रबंध नहीं हो पाता था।किंतु आज विभिन्न दलों के अधिकतर नेतागण गैर चुनावी मौसम में भी रिजर्व विमान से चल रहे हैं।
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क्या अस्सी के दशक के बाद इस देश की जनता इतना अधिक अमीर हो गयी है कि वह चंदा देकर अपने नेताओं को भाड़े के विमानों से भ्रमण करने की सुविधा दे रही है ?
या, फिर इन नेताओं के पास अपार धन कहां से आ रहे हैं ?
कैसे आ रहे हैं ?
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24 जून 23
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