अयोध्या से बिहार का अटूट संबंध
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तीनों प्रमुख चरणों में बिहार का योगदान
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सुरेंद्र किशोर
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1.-बिहार के मूल निवासी अभिराम दास ने सन 1949 में बाबरी ढांचे में रामलला की मूत्र्ति रखी थी।
उनके शिष्यों ने इस मामले में अभिराम दास की मदद की।
वे बिहार के मधुबनी जिले के मूल निवासी थे।
मधुबनी मिथिला में है।
मिथिला श्रीराम की ससुराल है।
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2.-नब्बे के दशक में बिहार के ही समस्तीपुर जिले के कामेश्वर चैपाल ने राम मंदिर के शिलान्यास की पहली ईंट रखी थी।
चैपाल अयोध्या ट्रस्ट के सदस्य हैं और अनुसूचित जाति से आते हैं।(उनकी जाति मैं जान बूझ कर लिख रहा हूं ताकि लोग जानें की यह सब ‘‘मनुवादी अभियान’’ नहीं है।)
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3.- विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष डा.आर.एन.सिंह 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पत्नी के साथ यजमान बनाए जाएंगे।
पद्मश्री से सम्मानित डा.सिंह बिहार में हड्डी रोग के सबसे बड़े चिकित्सक हैं।
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5 जनवरी 24
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