शनिवार, 2 अप्रैल 2022

    डा.लोहिया संपादित पुस्तक ‘एक्शन 

    इन गोवा’ का पुनप्र्रकाशन संभव हुआ 

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      सुरेंद्र किशोर   

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दशकों से सुनता आ रहा हूं कि गोवा मुक्ति आंदोलन में डा.राममनोहर लोहिया की महत्वपूर्ण भूमिका थी।

 पर, उस आंदोलन का विवरण अब पढ़ने को मिल रहा है।

इसके लिए डा.राममनोहर लोहिया रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष

अभिषेक रंजन सिंह और राम मनोहर लोहिया समता न्यास, के मैनेजिंग ट्रस्टी शरद बदरी विशाल पित्ती का आभारी हूं।

  इनके कारण ही ‘एक्शन इन गोवा’ नामक पुस्तक का पुनर्प्रकाशन संभव हो सका है।

‘एक्शन इन गोवा’ के साथ-साथ दो अन्य प्रकाशन भी मेरे

सामने हैं --

1.-क्रांति स्मरण -2021--स्मारिका

2.-सालाजार की जेल में उन्नीस महीने (368 पेज)

पुस्तक लेखक त्रिदिब चैधुरी

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 1947 में प्रकाशित इस पुस्तक का संपादन खुद डा.लोहिया ने किया था।

 यह पुस्तक देश के अनेक शीर्ष पुस्तकालयों में भी उपलब्ध नहीं है।

 अभिषेक जी ने कोलकाता के एक पुस्तकालय से इसे खोज निकाला।

तभी इसका पुनप्र्रकाशन संभव हो पाया।

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गोवा मुक्ति आंदोलन के रचयिता डा.लोहिया के संबंध में मशहूर पत्रकार के. विक्रम राव के दो शब्द--

‘‘भारत तब स्वतंत्र नहीं हुआ था।

उस वक्त यानी 1946 में डा.राममनोहर लोहिया अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की भांति जेल से रिहा हो गए थे।

उधर फ्रांसिसी साम्राज्य भी पाण्डिचेरि छोड़ने का मुहुर्त तय कर रहा था।

  मगर पुर्तगाली प्रधान मंत्री डा.एंटोनियो सालाजार अपने गोवा उपनिवेश को मुक्त करने की कोई योजना के बारे में सोच तक नहीं रहा था।

 उसके इस रवैये पर डा.लोहिया का आक्रोशित होना स्वाभाविक था।

 बाम्बे के साथियों से राय -मशविरा के बाद डा.लोहिया ने गोवा मुक्ति का खाका रचा।

  जवाहरलाल नेहरू तब तक अंग्रेज वायसराय के साथ मिलकर भारत की अंतरिम सरकार के गठन की योजना बना रहे थे।

डा.लोहिया अहमदनगर के किले की जेल में तीन साल से ज्यादा कैद रहे थे।

और, छूटकर बाहर आ गए थे।

 उन्होंने गांधी जी को अपने गोवा संघर्ष की सूचना दी।

 बापू ने अनुमोदन भी किया।

फिर वही हुआ जो प्रत्याशित था।

 नेहरू ने डा.लोहिया की योजना को अनावश्यक और आतिशी कदम बताया।

 पर, लाहौर जेल की कठिन यातना का भोगी यह गांधीवादी संघर्ष से क्यों पीछे हटता ?

 फिर पंजिम में जो हुआ, वह सर्वविदित है।

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‘एक्शन इन गोवा’ के 

पुनर्प्रकाशक का पता

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अभिषेकरंजन सिंह

अध्यक्ष,

डा.राममनोहर लोहिया रिसर्च फाउंडेशन

यू-252 ए,दूसरा तल्ला

शकरपुर

बैंक आॅफ बड़ौदा के निकट

दिल्ली-110092

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