भूली-बिसरी यादें
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15 अप्रैल, 1980 को सीताराम केसरी के साथ
कांग्रेस सांसद संजय गांधी पटना में थे
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दैनिक ‘आज’ के लिए मैंने उनके पत्रकार सम्मेलन
की रिपोर्टिंग भेंटवार्ता की तरह की थी !
यानी लीक से थोड़ा हटकर।
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सुरेंद्र किशोर
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चर्चित कांग्रेस नेता संजय गांधी ने उस दिन अन्य बातों के अलावा यह भी कहा था कि ‘‘जार्ज फर्नांडिस को पुल उड़ाने के अलावा और क्या आता है ?’’
(याद रहे कि इमरजेंसी में जार्ज और उनके साथियों के खिलाफ यह केस चलाया गया था कि वे डायनामाइट से पुल उड़ा रहे थे।)
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सन 1980 के लोक सभा चुनाव के बाद इंदिरा गांधी सत्ता में आ चुकी थीं।
बिहार में विधान सभा का चुनाव होने वाला था।
संजय गांधी राज्यों का दौरा कर रहे थे।कांग्रेस के पक्ष में हवा थी।
इंदिरा गांधी के बाद कांग्रेस के वे सर्वाधिक ताकवर नेता थे।
मुख्य मंत्री और केंद्रीय मंत्री स्तर के नेता उनके लिए कुर्सी उठाकर लाते थे तो कोई उनकी चच्पल उठाकर उनके पांव तक पहुंचाता था।
उनके प्रेस कांफे्रंस को कवर करना भी अपने आप में एक अलग ढंग का अनुभव होता था।
मेरेे लिए तो विशेष अनुभव था क्योंकि बड़ौदा डायनामाइट केस में मुझे भी सी.बी.आई.खोज रही थी।हालंाकि जनता पार्टी के शासन काल में उस केस को उठा लिया गया था।
खैर,पत्रकार सम्मेलन में उनसे हुई बतचीत का पूरा विवरण यहां प्रस्तुत है--
याद रहे कि सवाल -जवाब के रूप में लिखे मेरे विवरण के छपने के बाद कोई खंडन नहीं आया था।
उसे लिखने में मुझे विश्ेाष सावधानी और एकाग्रता रखनी पड़ी थी।
क्योंकि मैं शाॅर्ट हैंड राइंिटग नहीं जानता था।
उन दिनों मैंने अन्य बड़े नेताओं के प्रेस कांफ्रेंस की रिपोर्टिग भी इसी तर्ज पर की थी।लोगों से सराहना मिली थी।
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प्रश्न-आपकी बिहार यात्रा कैसी रही ?
संजय गांधी--बहुत अच्छी।
प्रश्न--कल (पटना)हवाई अड्डे पर जो उपद्रव हुए ,उनमें किन लोगों का हाथ हो सकता है ?
संजय गांधी-कोई ऐसे वैसे लोग नहीं थे।
भीड़ बहुत थी।
इसलिए अनियंत्रित हो गयी।
प्रश्न-प्रधान मंत्री पर हमले के पीछे किनका हाथ था ?
सं.गां.--मैं तो दिल्ली में नहीं था।
जांच चल रही है।
निराश लोगों का ही यह काम हो सकता है।
प्रश्न-विधान सभा के चुनाव मं इंदिरा कांग्रेस का क्या भविष्य है ?
संगां-बहुत अच्छा।
प्रश्न-चुनाव में किस तरह के लोगों को टिकट मिलेगा ?
सं.गां.-पिछले तीन वषो्रं में जो लोग पूर्ण वफादारी से पार्टी के साथ रहे हैं,जो जेल गये है,और जिनकी जीत की संभावना होगी।
जो लोग इस अवधि में हमारा विरोध करते रहे हैं,उन्हें टिकट नहीं मिलेगा।
प्रश्न-क्या विधायक दल को नेता कोई बाहरी व्यक्ति भी हो कसता है ?
सं.गां.-इसके लिए कानून में कोई पाबंदी नहीं है।
कर्पूरी जी और श्री रामनरेश यादव तो बाहरी व्यक्ति ही थे।(यानी लोक सभा के सदस्य थे।)
प्रश्न-कुछ लोग कहते हैं कि सरकार को चलाने में आपकी सक्रिय भूमिका है।
सं.गंा.-कौन कहता है ?
उसका नाम तो बताएं।
सिर्फ अखबार वाले कहते हैं।
प्रश्न-जार्ज फर्नांउिस कहते हैं।
सं.गां.-उन्हें पुल उड़ाने के अलावा और क्या आता हे ?
वे सरकार चलाना क्या जानें ?
प्रश्न-आप संगठन का ही काम देखेंगे या सरकार में भी शामिल होंगे ?
सं.गां.-क्या यह मेरी इच्छा पर निर्भर है ?
प्रश्न-आॅफर मिले तो ?
सं.गां.-कौन आॅफर दे रहा है ?
प्रश्न-प्रधान मंत्री !
सं.गां.-उनसे पूछिए।
प्रश्न- क्या असम आंदोलन में विदेशी शक्तियां सक्रिय हैं ?
सं.गां--जैसे ही 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनी,विदेशी ताकतों की बन आई।
किंतु अब वे असुविधा महसूस कर रहे हैं,अतः उपद्रव मचा रहे हैं।
विदेशी शक्तियां भारत को मजबूत देखना नहीं चाहतीं।
इसलिए वे देश में आर्थिंक संकट पैदा करना चाहती हैं।
किंतु भारत सरकार समस्या के शांतिपूर्ण समाधान के लिए कृतसंकल्प है।
इस दिशा में प्रयास जारी हैं।
आशा है,जल्दी ही कोई समाधान नहीं निकल आएंगा।
प्रश्न-क्या आप असम जाएंगे ?
सं.गां.-यदि मेरे जाने से समस्या का समाधान हो सके तो मैं जाऊंगा।
प्रश्न-क्या नशाबंदी समाप्त होनी चाहिए ?
सं.गां.-मैं नशाबंदी के विरुद्ध हूं।इससे भ्रष्टाचार बढ़ता है।
क्योंकि इसे पूर्णतः लगू नहीं किया जा सकता।
प्रश्न-क्या आप पांच सूत्री कार्यक्रम को पुनः चलाना चाहते हैं ?
सं.गां.-हां,किंतु परिवार नियोजन को छोड़कर।
क्योंकि मैंने यह अनुभव किया कि देश की जनता परिवार नियोजन नहीं चाहती,जबकि इसके बिना देश की समस्याओं का समाध्धान नहीं होगा।
प्रश्न-क्या आप परिवार नियोजन की जरूरत समझते हें ?
सं.गां.-हमने परिवार नियोजन करा लिया है।
प्रश्न-क्या आप मारुति कारखाने को पुनर्जीवित करना चाहते हैं ?
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इस इंटरव्यू को दुबारा पढ़ने और आज राहुल गांधी के बातों को सुनने से यह लगता है कि संजय गांधी सुलझे हुए विचार के नेता थे।राहुल गांधी उनके सामने नहीं टिकते।
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