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आम तौर से दो तरह के लोग होते हैं।,
एक तरह के लोग गलती कर सकते हैं्र,किंतु
बेईमानी नहीं।
हां,अनजाने में उनसे कोई गलत काम हो ही सकता है।
एक कहावत भी है,
‘‘ गलती करना मानव का स्वभाव है।’’
2
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दूसरी श्रेणी में ऐसे लोग आते हैं जिनका मुख्य उद्देश्य बेईमानी करना ही रहता है।
हां, उनसे भी जाने-अनजाने कभी -कभी कुछ अच्छे काम भी हो जाया करते हैं।
3
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तीसरी श्रेणी में ऐसे लोग होते हैं जो कोई भी बड़ा काम इस डर से नहीं करते कि कहीं उनसे गलती न हो जाए।
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राजनीति सहित समाज और शासन के हर क्षेत्र में वैसे लोग
पाए जाते हैं जिनकी चर्चा मैंने तीन श्रेणियों में बांट
कर की है।
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-- सुरेंद्र किशोर -- 24 जून 20
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आम तौर से दो तरह के लोग होते हैं।,
एक तरह के लोग गलती कर सकते हैं्र,किंतु
बेईमानी नहीं।
हां,अनजाने में उनसे कोई गलत काम हो ही सकता है।
एक कहावत भी है,
‘‘ गलती करना मानव का स्वभाव है।’’
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दूसरी श्रेणी में ऐसे लोग आते हैं जिनका मुख्य उद्देश्य बेईमानी करना ही रहता है।
हां, उनसे भी जाने-अनजाने कभी -कभी कुछ अच्छे काम भी हो जाया करते हैं।
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तीसरी श्रेणी में ऐसे लोग होते हैं जो कोई भी बड़ा काम इस डर से नहीं करते कि कहीं उनसे गलती न हो जाए।
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राजनीति सहित समाज और शासन के हर क्षेत्र में वैसे लोग
पाए जाते हैं जिनकी चर्चा मैंने तीन श्रेणियों में बांट
कर की है।
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-- सुरेंद्र किशोर -- 24 जून 20
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