शनिवार, 20 जून 2020

    एक तो गिलोई,दूजे नीम चढ़ी !!
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पांच साल पहले जब मैंने अपने घर में शिफ्ट किया तो अहाते के भीतर और बाहर कई पौधे लगाए।
उनमें  नीम के दो पौधे भी थे जो सड़क और मेरी चारदीवारी के बीच में लगे थे।
समय के साथ दोनों पौधे वृक्ष बन गए।
पर जो नीम, गुल मोहर के बगल में था,वह अकारण सूख गया।
किसी ने बताया कि गुलमोहर जमीन से पानी बहुत खींच लेता है।
इसीलिए सूख गया।
पता नहीं !
खैर, दूसरा नीम मौजूद है।
उस नीम के पास गिलोई रोप दी गई है।
उसकी लता नीम पर चढ़ रही है।
एक तो गिलाई और दूजे नीम चढ़ी !!
सुनते हैं कि नीम-चढ़ी गिलोई और अधिक गुणकारी हो जाती है।
पता नहीं, इसकी खबर अमरीकावासियों को अभी है या नहीं !
जहां, अब नीम का प्रत्येक दातुन एक सौ दस रुपए में बिक रहा है ?
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     --सुरेंद्र किशोर - 20 जून 20

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