सोमवार, 18 जुलाई 2022

      कल और आज !

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(अपवादों को छोड़कर)पहले की नई पीढ़ियों कहती थीं--

‘‘मैं आज जो कुछ भी हूं ,वह माता-पिता 

और गुरुजन की कृपा से।’’

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(अपवादों को छोड़कर)आज की नई पीढ़ी कहती है कि मैंने सिर्फ अपने बल पर उपलब्धियां हासिल की हैं।

यदि माता-पिता का सहयोग मिल गया होता तो मैं अपने जीवन में और भी आगे बढ़ जाता।

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किसी ने ठीक ही कहा है कि आज की पीढ़ी(अपवादों को छोड़कर)

अपने बुजुर्ग माता-पिता के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से भागने के लिए ही यह कहती है कि उन्होंने मेरे लिए किया ही क्या था,मेरी उपेक्षा के सिवा !!

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सुरेंद्र किशोर

18 जुलाई 22  


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