मुझे लगता है कि ओमप्रकाश राजभर और शिवपाल सिंह यादव जैसे नेताओं की मूल समस्या उनके बेटों की राजनीतिक उच्चाकांक्षाएं हैं।
उन्हें किसी भी कीमत पर जल्द से जल्द किसी न किसी सदन में भेजने की जल्दीबाजी है।
देखना है कि बेचारे उन नेता पुत्रों की इच्छी कब पूरी हो पाती है।
राजभर और शिवपाल जैसी इच्छा रखने वाले नेताओं की इस देश में कोई कमी नहीं है।
पुत्रों की उच्चाकांक्षा पूरी कराने के चक्कर में कई दल धीरे -धीरे बर्बाद होते जा रहे हैं।
पर, यह ऐसी इच्छा है जो मरती ही नहीं।
हाल में बेचारे शरद यादव की ऐसी ही इच्छा राजद पूरी नहीं कर सका।
देखना है कि राजभर और शिवपाल की इच्छा किस दल से कब पूरी होती है।
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23 जुलाई 22
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