संपादित करके ही डिबेट्स
चैनलों पर दिखाए जाएं
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सुरेंद्र किशोर
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नूपुर शर्मा प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी से
मेरी एक पुरानी मांग को बल मिलता है।
एक दर्शक-श्रोता के नाते मेरी यह मांग रही है कि किसी डिबेट को संपादित करने के बाद ही टी.वी.चैनलों पर दिखाया जाना चाहिए।
मेरी यह सलाह संसद की कार्यवाहियों के लिए भी रही है।
किंतु अभी मैं सिर्फ टी.वी.डिबेट्स पर ही खुद को सीमित रखता हूं।
यदि संपादित नहीं होगा तो नूपुर शर्मा प्रकरण की पुनरावृति
को रोका जाना मुश्किल होगा।
बेहतर तो यही होगा कि सुप्रीम कोर्ट ही संपादित करने के लिए चैनलों को देशहित में बाध्य कर दे।
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2 जुलाई 22
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